वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
पुलिस को बेतिहाशा शक्तियां मिल जाएंगी और लोकतंत्र की जगह पुलिस राज्य में तबदीली हो जाएगी।
कुरुक्षेत्र, 26 जून : ऑल इंडिया लॉयर यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि नए फौजदारी कानून पुलिस राज को जन्म देंगे। यह वक्तव्य ऑल इंडिया लॉयर यूनियन के राज्य अध्यक्ष गुरमीत सिंह व राज्य सह सचिव राजविंदर सिंह चन्दी ने संयुक्त बयान में कहा। दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली 2.0 सरकार ने बिना व्यापक विचार विमर्श के निहित स्वार्थों के लिए विपक्षी सांसदों को संसद से निष्कासित करके कानून पास किए। जिससे पुलिस को बेतिहाशा शक्तियां मिल जाएंगी और लोकतंत्र की जगह पुलिस राज्य में तबदीली हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के अनुसार रिमांड 60 या 90 दिन में कभी भी हो सकता है, जिससे जमानत मिलना कठिन हो जायेगा। एफ.आई.आर. को लेकर संविधान पीठ द्वारा दी गई जजमेंट खत्म हो जाएगी और एफ.आई.आर. दर्ज करना पुलिस की इच्छा पर होगा। इससे न्याय की लोकतांत्रिक अवधारणा पर प्रतिकूल असर होगा। डी.के. बसु जजमेंट की छह के छह मार्गदर्शन खत्म हो जायेंगे। जिससे पुलिस हिरासत में यातनाएं बढ़ेंगी। पुलिस को अभियुक्त के गिरफ्तारी मीमो से छेड़छाड़, अभियुक्त की मेडिकल जांच, जांच अधिकारी की पहचान रजिस्टर में ना दर्ज करने आदि की छूट मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि अब शासक के विरुद्ध प्रदर्शन, धरने इत्यादि पर राजद्रोह की संगीन धारा लगाकर जेलों मे ठूंस दिया जाएगा। यह सब शासकों की जनविरोधी नीतियों को लागू करने के लिए किया जा रहा है।
ऑल इंडिया लॉयर यूनियन के राज्य सह सचिव राजविंदर सिंह चंदी।