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ग्वालियर मध्यप्रदेश से जिला ब्यूरो विनय त्रिवेदी
एंकर-ग्वालियर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से पूर्व विधायक और याचिका कर्ता लड्डू राम कोरी को तगड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने उनकी अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ लगाई गई चुनावी याचिका को खारिज करते हुए उन पर 50000 की कास्ट लगाई है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि याचिका कर्ता लड्डू राम कोरी ने तथ्यहीन पिटीशन पेश करके प्रतिवादी और न्यायालय का कीमती समय नष्ट किया है।
वीओ – यह पिटीशन पिछले 5 सालों से चल रही थी। जिस पर न्यायालय ने बुधवार को इस चुनावी याचिका को खारिज़ करते हुए कोरी पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है । कोर्ट का मानना था कि प्रतिवादी याने विधायक जजपाल सिंह जज्जी एक जनप्रतिनिधि होने के चलते लोगों की सेवा करने के बजाय न्यायालय के चक्कर लगाते रहे। इसलिए जुर्माने की राशि उन्हें दी जाए ।खास बात यह है कि स्क्रुटनी कमिटी की रिपोर्ट को हाई कोर्ट पहले ही स्वीकार कर चुका है और उसने विधायक जजपाल सिंह जज्जी के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को सही पाया है। इसे लड्डूराम कोरी द्वारा एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को सही बताया है। इसके बाद पूर्व विधायक लड्डू राम कोरी ने याचिका हाईकोर्ट में लंबित रखी थी जिसमें उन्होंने मौजूदा अशोकनगर भाजपा प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी पर 2018 के चुनाव में अपने लोकायुक्त में चल रहे प्रकरण के बारे में जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया था। 2017 में लोकायुक्त पुलिस ने जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ मामला दर्ज किया था ।लेकिन न तो इसके बारे में लोकायुक्त पुलिस ने हाईकोर्ट में न्यायालय में कोई चालान पेश किया न ही उन्हें अपनी सफाई या बयान के लिए बुलाया ।इसलिए इस तथ्य को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है। गौरतलाप है कि लड्डू राम कोटी ने 2018 में जज्जी से चुनाव हारने के बाद उनके खिलाफ उनके जाति प्रमाण पत्र और आपराधिक मुकदमे को लेकर चुनावी याचिका दायर की थी।