सल्ट उपचुनाव के रुझान के बीच हरीश रावत का टिमरू उपचार,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक
देहरादून:हम सब #कोरोना को लेकर बहुत उद्विग्न हैं। टेलीफोन में आ रही प्रत्येक घंटी चिंता को बढ़ा रही है, ऐसी स्थिति में हमें मन को यथासंभव स्थिर और मनोबल को ऊंचा रखने का प्रयास करना चाहिये। कोरोना #पीड़ितों के लिये संक्रमण के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिये ऐसा करना बहुत आवश्यक है। मैं प्रारंभिक तीन-चार दिन अपनी लापरवाही के कारण गंभीर संक्रमण की चपेट में आ गया, ईष्ट देवता व पित्रों के आशीर्वाद एवं डॉक्टरों के प्रयास और आप सबकी सद्भावनाओं से मैं संक्रमण से बाहर आ गया हूंँ। मैंने अपने मन में यह ठान लिया था कि मैं संक्रमित के रूप में प्राण नहीं छोडूंगा। इस बीमारी में घबराहट के लिये कोई स्थान नहीं है, आजकल हमारे आसपास के वातावरण में भी चिंताएं ही चिंताएं हैं। हमें चिंता करने के बजाय कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिये जिससे हम संक्रमण से बच सकें।
1-खुद #मास्क पहनना और दूसरों को भी मास्क पहनाने के लिए जागृत करना।
2- कितना ही महत्वपूर्ण पवित्र अवसर हो कहीं पर भी दो-चार लोगों से ज्यादा न जुटें और दूर-दूर बैठें, शादी विवाह आदि में जाना अब तभी संभव हो पायेगा, जब कोरोना से बचाव के उपाय पूर्णतः अमल में आ जाएंगे।
3- शारीरिक श्रम करने वाले लोगों पर कोरोना का असर तुलनात्मक रूप से कम है, हमें व्यायाम और योगाभ्यास विकल्प के रूप में अपनाने चाहिये।
4- दूर पहाड़ी अंचलों में तिमुर (तिमरू) की दतौन तीनों समय करें, यदि तिमुर के दानों में सुगंध आ रही हो तो उसे नियमित रूप से चबाएं।
5- हमारे कई भोजन और पेय पदार्थों में संक्रमण से प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। मैंने कुछ दिनों पहले आपसे लोहे की कढ़ाई में भट्ट की चुड़काणी (भट्टवाणी) जिसमें चौलाई, बेतुवा, पालक या कण्डाली डाली गई हो उसका अधिक से अधिक सेवन का सुझाव दिया था। कल दैनिक जागरण में चौलाई (मारसा) की क्षमता को लेकर एक छोटा समाचार छपा है।
6- कैरूवा (स्परगश) आजकल पहाड़ों के खेतों में बहुत मिलता है, उसकी सब्जी या उसे कच्चा खा सकते हैं तो अवश्य खाएं।
7- पीली छाल का नींबू यदि छिक्कल सहित खाया जा सके तो इसके अंदर भी प्रतिरोधात्मक शक्ति पैदा करने की क्षमता है, इसके पीले-सफेद छिक्कल में दुर्लभ एंटी ऑक्सीडेंट पायी जाती है, यूं काफल का सेवन भी लाभकारी है।
8- यदि बद्री गाय व पहाड़ी बकरी का दूध उपलब्ध हो तो उसका भी नियमित रूप से सेवन अत्यधिक प्रतिरोधात्मक शक्ति पैदा करता है, बल्कि डेंगू वायरस का तो यही इलाज है।
अनंतोगत्वा जांच और उपचार ही इस रोग का निदान है, मगर उपरोक्त सभी सुझाव कोरोना से लड़ने में सहायक हैं और अधिक खर्चीले भी नहीं हैं, इनमें एक बिना खर्च का उपाय लंबे समय तक पेट के बल लेटना व सुबह शाम अलोम-विलोम करना भी है।