पेड़-पौधों की अहमियत को जानकर करे इनका सरंक्षण : डा. अनूप।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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डॉक्टर दंपती ने अपने घर में बना रखा है पार्क, घर के अंदर व बाहर जगह खाली देख लगा देते है पौधे। पर्यावरण को स्वच्छ रखने व जीवन दायिनी आक्सीजन के लिए सभी करे पौधा रोपण।
कुरुक्षेत्र 14 मई :- कोरोना के इस कठिन दौर में वैसे तो डाक्टर पहले ही दिन-रात कोविड मरीजों की सेवा करने में लगे हुए है और उनके पास अपने परिवार को साथ बातचीत करने का भी समय नहीं है। लेकिन इस बिजी शैडयूल में भी कुरुक्षेत्र का एक डाक्टर दम्पति समय निकाल पेड-पौधे लगाने का काम कर रहे है। आज हर तरफ आक्सीजन को लेकर भाग दौड़ हो रही है और इसकी अहमियत सामने आई है। लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा की यह जीवन दायिनी आक्सीजन हमें जिन पेड़-पौधों से मिलती है, उन्हें हम अपने फायदे के लिए अंधाधुंध काट रहे है। इसलिए अब समय आ गया है कि हमें एकजूट होकर पेड़-पौधों का सरंक्षण करना होगा और पौधारोपण कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ करना होगा।
जी हां हम बात कर रहे है कुरुक्षेत्र के सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक दम्पति की जो पेशे से डाक्टर है और कोरोना के इस कठिन दौर में दिन-रात मरीजों की सेवा कर रहे है। यह दम्पति इसके साथ-साथ ना केवल निरंतर पौधोरोपण करते है बल्कि उनकी मरीजों की तरह देखभाल भी करते है ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके और जीवन दायिनी आक्सीजन को भी प्राप्त किया जा सके। यह दोनो दम्पति व इनके बच्चे पर्यावरण के बहुत बड़े प्रेमी है, जब भी समय मिलता है, उसे यह अपने गार्डन में ही बिताने की कोशिश करते है। जिसके चलते ही उन्होंने अपने घर के अंदर ही गार्डन तो बना ही रखा है बल्कि इनडोर प्लांट भी सजा रखे हैं। पेड़ पौधों के नजदीक रहना इस परिवार को अच्छा लगता है। चिकित्सक होने के चलते वे इन पौधों की अहमियत भी जानते है।
हम आपको बता दें कि डा. अनूप मेहता एलएनजेपी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ है और उनकी पत्नी डा. गुंजन इसी अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ है। दोनों ही इन दिनों ओपीडी देखने के साथ-साथ आपातकालीन विभाग और आइसोलेशन वार्ड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की भी सेवा कर रहे है। दोनों एक तरफ जहां मरीजों की सेवा कर रहे है, वहीं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी इनका योगदान कम नहीं है। इस डाक्टर दम्पति ने अपने घर के आसपास बाहर छाया और फलदार पौधे तो लगा ही रखे हैं। साथ ही घर में पार्क भी बना रखा है जहां पर सजावटी व छायादार पौधे लगा रखे है। जितने पौधे घर के पार्क में है, उतने ही घर के अंदर भी है। डा. अनूप मेहता बताते है कि पौधों से आक्सीजन तो मिलती ही है साथ ही ये प्रदूषण भी कम करने का काम करते है। इन पौधों को सिर्फ थोड़ी सी देखभाल की जरूरत होती है। इसके बदले वे हमें फल, छाया और सांस लेने के लिए आक्सीजन देते है। मेरे दोनों बच्चे आरव और ब्रह्मांश भी दिन भर पार्क में इन पौधों के पास समय गुजारते हैं। कोरोना वायरस के प्रभाव को देखकर लोग इन पौधों के महत्व को भी जान रहे है।