हरियाणा।अन्याय और अत्याचार के विरोधी थे भगवान परशुराम : लक्ष्मी कान्त शर्मा।

अन्याय और अत्याचार के विरोधी थे भगवान परशुराम : लक्ष्मी कान्त शर्मा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कोरोना महामारी की समाप्ति के लिए किया हवन यज्ञ।
कोरोना प्रोटोकोल के चलते 7 लोगों ने लिया हिस्सा।

कुरुक्षेत्र :- भगवान परशुराम जी किसी जाति, समुदाय या वर्ग विशेष के नही बल्कि अन्याय और अत्याचार के विरोधी थे। यह शब्द प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता तथा कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मी कान्त शर्मा एडवोकेट ने आज भगवान परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर अपने संदेश में कहे। इस अवसर पर हवन यज्ञ करते हुए लक्ष्मी कान्त शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम हर प्राणी के हितैषी और संसार का कल्याण चाहने वाले थे इसलिए आज के दिन हवन यज्ञ किया ताकि हमारे देश और दुनिया से करोना महामारी का अंत हो सके और हर जन का कल्याण हो। हवन यज्ञ में गजेंद्र शर्मा, प्यारे लाल शर्मा, डॉ. विष्णुदत्त शर्मा, लाल मणि शर्मा, प्रदीप शर्मा, अंकुश कुमार ने आहुति डाली जबकि हवन यज्ञ पंडित मोहनलाल शर्मा ने सम्पन्न करवाया। इतिहास बताता है कि अतीत में देश मे चार वर्ग हुआ करते थे जिनमें क्षत्रिय शस्त्र तथा ब्राह्मण शास्त्रों के ज्ञाता थे। भगवान परशुराम अकेले उदाहरण है जो शस्त्र और शास्त्र दोनों विधाओं के ज्ञाता थे। उनका मानना था कि ब्राह्मण का काम बेशक शिक्षा देना है मगर उसे शस्त्र विद्या का भी ज्ञान होना चाहिए ताकि आपातकाल में शस्त्र का भी प्रयोग कर सके। यह एक सामाजिक सन्देश भी था कि हर व्यक्ति को हर काम आना चाहिए ताकि जरूरत के समय देशहित में कुछ भी कर सकें। कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे जो तत्कालीन राजाओं के प्रजा के प्रति बढ़ते अन्याय और अत्याचार मिटाने को मनुष्य रूप में पृथ्वी पर आए। उन्होंने ऐसे राजाओं से 21 बार पृथ्वी को मुक्त किया मगर खुद राजा नही बने क्योंकि वो सत्ता के लोभी नही थे। हालांकि इतिहास में भगवान परशुराम को एक जाति विशेष का विरोधी बताया गया मगर यह शायद हमारे पढ़ने या समझने में चूक का परिणाम है क्योंकि अगर वो किसी जाति विशेष के विरोधी होते तो फिर उसी जाति के कुछ राजाओं को कैसे छोड़ देते। असल मे उस समय ज्यादातर राजा सत्ता के मद में चूर जनता के साथ अन्याय और अत्याचार करने लगे थे, भगवन परशुराम ऐसे ही राजा या शाशको के खिलाफ थे और तत्कालीन जनता की रक्षा के लिए ही उन्होंने शस्त्र उठाए। असल मे वो एक सच्चे समाज सुधारक थे। आज समय की मांग है कि हमे भगवान परशुराम के आदर्शों को अपने जीवन मे अपनाना चाहिए, तभी देश और समाज का कल्याण सम्भव है।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अयोध्या।घर से भटके रहे मानसिक विक्षिप्त बालक को उसके परिजनों के किया गया सुपुर्द, थाना तारून जनपद अयोध्या।

Fri May 14 , 2021
 ब्यूरो अयोध्या रात्रिअधिकारी उ0नि0 रणजीत यादव प्रभारी चौकी रामपुरभगन, का0 प्रसून सिंह, का0 अखिलेश कुमार, तारुन बाजार क्षेत्र में गश्त कर रहे थें, रात्रि लगभग 1 बजे को बालक-आंसू पुत्र रामसजीवन निवासी गुंधौर थाना बीकापुर, अयोध्या उम्र 15 वर्ष मिला, पूछने पर कुछ बता नंही पा रहा था, बालक के […]

You May Like

Breaking News

advertisement