राष्ट्रीय सेवा योजना गौरवशाली समाज का प्रतीक: प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता दिवस शिविर का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 13 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना एवं उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में 75 वें आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर आधारित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने आयोजकों को इस शिविर के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय शिक्षा को सेवा के साथ जोड़ना है तथा यह गौरवशाली समाज सेवा का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति को ही देश सेवा के लिए आगे बढ़कर समृद्ध राष्ट्र निर्माण में सहयोग करना होगा।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने वर्तमान में भारत विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि आज के युवा वर्ग में आत्मनिर्भर होने की भावना का विकास करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जो व्यक्ति आत्मनिर्भर है, वही हर प्रकार की परिस्थितियों को समझ सकता है। उन्होंने कहा कि एनएसएस ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करता है जिसके आधार पर वह उन गुणों के द्वारा ही समाज के अंदर सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
इससे पहले कार्यक्रम में भारत के विभिन्न 12 प्रांतों से आए स्वयंसेवक व सेविकाओं का पंजीकरण किया गया। शिविर के शुभारंभ के अवसर पर वातावरण और परिसर शुद्धिकरण के लिए मंत्र उच्चारण और विधि विधान के साथ हवन को पूर्ण कराया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ, विशिष्ट अतिथि कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. आनन्द द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित व हवन करके किया गया।
कुवि के राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. आनंद ने सभी गणमान्य अतिथियों का, शिविर में भाग लेने वाले कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयंसेवकों का स्वागत किया। सह संयोजक डॉ. नीरज बातिश ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया शिविर में शाम को रंगारंग का आनंद लिया।
शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत योग की विभिन्न क्रियाओं के साथ की गई। दूसरे दिन के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा पूर्व कुलपति कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, मौजूद रहे। सत्र की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना गीत के साथ की गई। तत्पश्चात डॉ. रामचंद्र ने सभी को श्रीमद्भगवद् गीता के महत्व को समझाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ कैलाश चंद्र शर्मा ने विशिष्ट शिविर में भाग ले रहे स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए देश के विकास में शिक्षा के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने बहुमूल्य भारतीय संस्कृति की पहचान बताते हुए इस को मजबूत बनाने में योगदान देने वाले महापुरुषों के प्रयासों से अवगत कराया। इसके पश्चात कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
शिविर में डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. संदीप, डॉ. वीर विकास, डॉ. पदमजा, डॉ. नीलम, डॉ. धरूसा, जय भगवान, डॉ. सपना नागर सहित कार्यक्रम अधिकारियों के साथ रिचा, सोनम, सुमित, सज्जन आदि स्वयंसेवकों के साथ 220 स्वयंसेवक मौजूद रहे।