हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान रत्नावली समारोह 28 अक्टूबर से शुरूः कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा

हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान रत्नावली समारोह 28 अक्टूबर से शुरूः कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा।

ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
छाया – सानवी।

34 हरियाणवी विधाओं में 3 हजार से अधिक कलाकार लेंगे सांस्कृतिक महाकुंभ में भाग।

कुरुक्षेत्र, 29 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित हरियाणा के कलाकारों का महाकुंभ जिसे रत्नावली के नाम से जाना जाता है का आयोजन 28 से 31 अक्टूबर तक किया जा रहा है। यह उद्घोषणा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने की। उन्होंने कहा कि रत्नावली समारोह हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अपनी पहचान रखता है। रत्नावली के माध्यम से हरियाणा की अनेक विधाओं को जन्म मिला है। रत्नावली पूरे हरियाणा के कलाकारों को मंच तो प्रदान करता ही है इसके साथ-साथ उनमें प्रतियोगिता की भावना को भी जन्म देता है।
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि रत्नावली समारोह इस वर्ष भी युवा कलाकारों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा। उल्लेखनीय है कि रत्नावली समारोह का आयोजन युवा रत्नावली टीम द्वारा आयोजित किया जाता है। रत्नावली समारोह की रूपरेखा से लेकर समापन तक की व्यवस्था की संपूर्ण जिम्मेवारी रत्नावली टीम संभालती है। डॉ. पूनिया ने बताया कि रत्नावली युवा छात्रों के लिए एक ऐसी कार्यशाला है जिसके माध्यम से अब तक हजारों युवाओं को मंच प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी रत्नावली समारोह माननीय कुलपति के निर्देशानुसार अत्यंत उत्साह से मनाया जायेगा। इस रत्नावली उत्सव में जहां एक ओर हरियाणवी खान-पान का तड़का लगेगा वहीं पर दूसरी ओर हरियाणा की हस्तकला के अलग-अलग स्वरूप देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं इस आयोजन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कौशलात्मक विद्यार्थियों की प्रदर्शनी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी।
लूर एवं हरियाणवी फैशन शो नई विधाओं के रूप में होंगे शामिल।
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणवी लोक नृत्य लूर जो लुप्त हो चुका था उसको युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग ने पिछले वर्ष फिर से जीवंत कर मंच प्रदान किया है। इस वर्ष लूर नृत्य सभी यूथ फेस्टिवल की विधाओं का हिस्सा होगा। इसके साथ ही रत्नावली समारोह में भी हरियाणा के खोड़िया, रसिया नृत्य की तरह लूर भी नई विधा के रूप में रत्नावली के मंच की शोभा बढ़ाएगा। इसके साथ ही हरियाणवी लोक परिधान प्रतियोगिता के अतिरिक्त हरियाणवी फैशन शो में भी पूरे हरियाणा से टीमें भाग ले सकेंगी। हरियाणवी लोक परिधानों को आधुनिक रूप में डिजाईन कर समय के साथ युवाओं को सृजनात्मकता का अवसर प्रदान करने के लिए हरियाणवी फैशन शो को रत्नावली समारोह में विधा के रूप में शामिल किया जा रहा है।

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