बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारों के बीच एक साथ 12 अखण्ड पाठों का हुआ शुभारंभ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सत्संग से ही हमारे अंदर की प्रवृत्ति बदलती है।
हिसार :- वह व्यक्ति बड़ा ही भाग्यशाली होता है जो सत्संग में आता है,क्योंकि बड़े ही भाग्य से सत्संग कीर्तन सुनने का अवसर मिलता है जिसे हमें गवाना नहीं चाहिए क्योंकि सत्संग से ही हमारे अंदर की प्रवृत्ति बदलती है। इसलिए हमें अपनी दिनचर्या में सत्संग, नितनेम व सिमरण अवश्य करना व सुनना चाहिए जिस से हमारा बेड़ा पार होगा उक्त उदगार स्थानीय डोगराण मोहल्ला में स्थित गुरुद्वारा डेरा भाई जीवन सिंह में मनाए जा रहे सत भाई गोला, सत भाई लच्छीराम जी का 73 वां सालाना समागम में गुरुद्वारा के गद्दीनशीन भाई चरण जीत सिंह ने गुरुद्वारा में उपस्थित गुरु घर से जुड़ी साध संगतों के बीच व्यक्त किए।
शब्द कीर्तन सत्संग से पूर्व गुरुद्वारा साहिब की प्रबधक कमेटी के सदस्यों व गुरू घर से जुड़ी साध सँगतो के बीच सतवीं पातशाही श्री गुरु हरिराय साहिब जी की असीम कृपा से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरुद्वारा साहिब में बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के जयकारों के बीच एक साथ 12 अखण्ड पाठों को विधिवत रूप से प्रारंभ किया गया व 73 वां तीन दिवसीय सालाना समागम बड़े हर्षोल्लास के साथ प्रारंभ किया गया।गुरुद्वारा के गद्दीनशीन भाई चरण जीत सिंह ने सरबत की भलाई के लिए अरदास की व साध सँगतो के बीच प्रसाद वितरित किया गया।इस मौके पर प्रीतम सिंह,संजय भुटानी,भाई जोगा सिंह,प्रेम दिवान,हरीश कुमार,सुमित दिवान,गोबिंद बेदी,हरीश सेठी,इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर गुरुद्वारा के प्रधान देवकीनंदन व सुरेंद्र सिंह ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।