बिहार:कोरोना के नये वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग का सुरक्षात्मक उपायों पर जोर

कोरोना के नये वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग का सुरक्षात्मक उपायों पर जोर

-प्राथमिकता के आधार टीकाकरण के साथ आरटीपीसीआर जांच में तेजी लाने का प्रयास जारी
-सतर्कता के साथ-साथ सुरक्षात्मक उपायों पर अमल संक्रमण के किसी भी लहर से बचाव का जरिया

अररिया संवाददाता

कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढते खतरे ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। लिहाजा विभाग ने इसे लेकर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। विभाग शतप्रतिशत लोगों के टीकाकरण को लेकर जारी अपने प्रयास के साथ कोरोना संबंधी जांच में तेजी लाने के प्रयास में जुट चुका है। एंटीजन टेस्ट के माध्यम से वायरस के नये वैरिएंट का पता लगाना मुश्किल है। इसे देखते हुए आरटीपीसीआर जांच पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर जांच संबंधी विशेष मुहिम का संचालन किया जा रहा है।

ट्रेकिंग व टेस्टिंग पर दिया जा रहा जोर :

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि नये वैरिएंट के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण के उपायों के तहत बाहरी राज्यों से लौट रहे लोगों के शतप्रतिशत जांच पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरे देशों से लौटने वाले लोगों पर विभाग की पैनी नजर है। आशा कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में इसे लेकर खासा सतर्क रहने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के संभावित खतरों को देखते हुए उन्नत परीक्षण, सक्रिय निगरानी व टीकाकरण कवरेज में वृद्धि के साथ-साथ बुनियादी ढांचें को उन्नत बनाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ-साथ सुरक्षात्मक उपायों पर अमल जरूरी है। उन्होंने आम जिलावासी से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की।

वैक्सीनेशन संक्रमण की गंभीरता को कम करने में सक्षम :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि संक्रमण के किसी भी लहर का खतरा उन लोगों को अधिक है जिन्होंने अब तक अपना टीकारकण नहीं कराया है। टीकाकृत लोग संक्रमण की गंभीर चुनौतियों को आसानी से मात दे सकते हैं। टीकाकरण के बाद संक्रमण की वजह से होने वाली मौत के खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है। इसलिये टीकारकण की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता है। लोगों को बेवजह पूर्ण टीकाकरण में किसी तरह की देरी नहीं करनी चाहिये। यह आपके पूरे समुदाय को संक्रमण के खिलाफ एक सुरक्षात्मक कवच मुहैया कराता है। अलग बात है कि कमजोर इम्युनिटी व गंभीर रोग के शिकार कोई व्यक्ति अगर संक्रमण की चपेट में आता है तो उन्हें अतिरिक्त बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है।

सतर्कता ही जोखिम को कम करने का उपाय :

डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि कोरोना का नया वैरिएंट जिस तेजी से फैल रहा है इसे देखते हुए उत्सव व समारोह के दौरान विशेष सतर्कता बरते जाने की जरूरत काफी बढ़ गयी है। सभी जरूरी एहतियाती उपायों पर सख्तीपूर्वक अमल करने की जरूरत है। वायरस के संपर्क में आने की जोखिम को कम करना सबसे जरूरी है। मास्क का नियमित उपयोग, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज, हाथों की नियमित सफाई व खांसते व छींकते समय मुंह को ढक के रखने के साथ साथ बिना किसी देरी के अपना पूर्ण टीकारकण सुनिश्चित कराने की जरूरत है।

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