उत्तराखंड की महिलाओं के 30 फीसदी आरक्षण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक,

देहरादून: राज्य की सरकारी नौकरियों में प्रदेश की महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर रोक के चलते विभिन्न विभागों के करीब आठ हजार रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रकिया प्रभावित होने की संभावना है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से लेकर चिकित्सा चयन आयोग में चल रही व प्रस्तावित नियुक्ति प्रक्रिया पर इस फैसले का असर होना तय है।

कुछ मामलों में आवेदन प्रकिया पूरी हो चुकी है, जबकि शेष में जल्द ही आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। आंदोलनकारियों को चयन के बाद भी नौकरी नहीं राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मिले दस प्रतिशत आरक्षण पर रोक के चलते, इस कोटे के तहत पचास से अधिक बेरोजगारों को अंतिम चयन के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई।

सरकार ने दिसंबर 2018 में राज्य आंदोलनकारियों को मिले आरक्षण को हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में समाप्त कर दिया। इससे पहले आयोग सहायक लेखाकार, आबकारी व परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही, वैयक्तिक सहायक सहित कई पदों के लिए भर्ती परीक्षा करा चुका था। इसमें आंदोलनकारी कोटे के तहत युवाओं ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा के बाद कोटे के तहत स्वीकृत पदों पर युवाओं का चयन भी हुआ पर इस बीच संबंधित आरक्षण खत्म होने के कारण आयोग इन युवाओं का परिणाम जारी नहीं कर पाया। तब से उक्त पदों के परिणाम लिफाफे में आयोग में ही बंद पड़े हैं।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले ही फॉरेस्ट गार्ड भर्ती, पटवारी-लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल भर्ती, सब इंस्पेक्टर, लैब असिस्टेंट, सहायक लेखाकार, जेई, गन्ना पर्यवेक्षक के करीब 4200 पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी कर चुका है। इसके अलावा आयोग के पास इस बीच विभिन्न विभागों में सहायक लेखाकार, व्यैक्तिक सहायक, कनिष्ठ सहायक के करीब सात सौ रिक्त पदों का अधियाचन भी मिल चुका है। उक्त सभी भर्तियां अब प्रभावित हो सकती है। कुछ मामलों में आयोग रिजल्ट भी जारी कर चुका है, लेकिन अभी नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है। ताजा स्थिति में आयोग को इस पर भी कानूनी परामर्श लेना पड़ सकता है।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग जल्द ही लोअर पीसीएस के 191, महाधिवक्ता कार्यालय में समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के 17, वन विभाग में वन क्षेत्राधिकारी के 46, पीसीएस मेंस के 314 और महाधिवक्ता कार्यालय के अंतर्गत अनुवादक के दो पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। आयोग के सचिव कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती पर हाईकोर्ट की रोक लगी हुई है, रोक हटने क बाद यह भर्ती भी शुरू होगी। इधर, चिकित्सा सेवा चयन आयोग, स्वास्थ विभाग और चिकित्सा शिक्षा और आयुर्वेद विभाग के लिए कार्मिकों का चयन करता है। विभाग जल्द ही नर्सिंग के 2600 पदों पर भती की तैयारी कर रहा है। इस भर्ती पर भी आरक्षण विवाद की छाया पड़ सकती है।

आरक्षण पर रोक को लेकर राज्य की महिलाओं का कहना है कि मातृशक्ति के संघर्ष से यूपी से अलग होकर बने उत्तराखंड में स्त्रियों की अनदेखी ठीक नहीं। सरकारी नौकरियों में 30 महिला आरक्षण पर रोक लगना सरकार की कमजोर पैरवी का नतीजा है। कोर्ट में अगर सही तरीके से मजबूत पैरवी होती तो ऐसा नहीं होता।
शिक्षाविद् डॉ. मधु नौटियाल ने कहा, ‘हम एक तरफ महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, दूसरी तरफ महिला आरक्षण पर रोक दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या उत्तराखंड की महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं? सरकार को यहां की महिलाओं के हितों के लिए मजबूती से लड़ना चाहिए था। सरकारी नौकरी में आरक्षण से महिलाएं नई ऊंचाइयां छू रही थीं।’

Read Article

Share Post

uttarakhand reporter

साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मेहनगर आज़मगढ़:मेंहनगर में बन्दर को चोट लगने से हुई मौत पूरे रीति रिवाज से किया गया अंतिम संस्कार बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल

Thu Aug 25 , 2022
मेंहनगर में बन्दर को चोट लगने से हुई मौत पूरे रीति रिवाज से किया गया अंतिम संस्कार बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल । स्थानीय नगर पंचायत मेंहनगर के वार्ड नंबर 4 में आज बन्दर को चोट लगने मौत हो गयी बताया जा रहा हैं कि कुछ दिन पहले बन्दर […]

You May Like

advertisement