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हिंदी फीचर फिल्म “डी एफ ओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स” 24 अक्टूबर को हो रही है पेन इंडिया रिलीज

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : उत्तराखंड के गुमनाम योद्धाओं को समर्पित हिंदी फीचर फिल्म “डी एफ ओ डायरी फायर वॉरियर्स” शुक्रवार 24 अक्टूबर के अवसर पेन इंडिया रिलीज हो रही है। फिल्म “डी एफ ओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स” के पोस्टर का विमोचन वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने किया और फिल्म के विषय से प्रभावित होकर शुभकामनाएं पूरी टीम को दी। इस अवसर पर समाजसेवी अनिल कुमार सक्सेना एडवोकेट, समाजसेवी नंदा राणा, वरिष्ठ कवि रोहित राकेश, देवेन्द्र रावत, चंदर तनेजा, नीलम गंगवार , प्रदीप मिश्रा, हरजीत कौर, प्रमोद उपाध्याय मेघ प्रकाश शर्मा आदि उपस्थित रहे। फिल्म “डी एफ ओ डायरी फायर वॉरियर्स” एक उत्कृष्ट सिनेमाई अनुभव है जो उत्तराखंड के जंगलों को बचाने की खामोश लड़ाई लड़ रहे योद्धाओं की कहानी है। यह फिल्म 2024 के बिनसर अल्मोड़ा अग्निकांड के ऊपर आधारित है। बिनसर वाइल्ड सेंचूरी जो अल्मोड़ा जिले में स्थित है वहाँ गर्मियों में जंगलों में लगी आग को बुझाते हुए कुछ वनकर्मी और स्थानीय लोग शहीद हो गए थे। यह फिल्म उन्हीं शहीदों और उनके जैसे अन्य वनरक्षकों के संधर्ष को सामने लाती है। संक्षेप में फिल्म उन गुमनाम योद्धाओं के बारे में बताती और दिखाती है जो इस प्रकृति और पर्यावरण के लिए कई बार अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं। कई सारी सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस डायरी के पन्नों को गीत-संगीत के साथ फिल्मी अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। “डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स” एक रोमांचक एडवेंचर से भरपूर ड्रामा फिल्म है, जिसे उत्तराखंड के खूबसूरत कुमाऊँ और हिमालय की गोद में फिल्माया गया है। यह फिल्म जंगलों की आत्मा और उन जाँबाज रक्षकों की गाथा है, जो हर दिन प्रकृति को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं। डीएफओ की डायरी के पन्नों से दर्शक उन वास्तविक और नाटकीय घटनाओं की यात्रा पर निकलते हैं, जहाँ जंगल ही पृष्ठभूमि भी है और रणभूमि भी। कहीं निर्दयी शिकारी मासूम ट्रेकर्स की जिंदगी पर खतरा बनकर आते हैं, तो कहीं भीषण जंगल की आग से लड़ने के लिए गाँववाले, अधिकारी और बच्चे एकजुट होकर अपने जंगलों और धरती माँ को बचाने की कसम खाते हैं।फिल्म की सिनेमाटोग्राफी उत्तराखंड की झीलों, ओक पाइन से भरे घने जंगलों, धुंध से ढकी घाटियों और पारंपरिक गाँवों की सुंदरता को बड़े परदे पर जीवंत करती है। हिमालय यहाँ एक पात्र की तरह उभरता है जिसकी गोद में सौंदर्य भी है और संकट भी।
इस फिल्म की सारी शूटिंग कुमाऊँ की खूबसूरत वादियों में की गयी है। नैनीताल, भवाली, पंगोट, रामगढ़, मुक्तेश्वर आदि खूबसूरत नयनाभिराम लोकेशनों में इसे फिल्माया गया है। फिल्म में मुख्य भूमिकाएं बीजू लाल आई.एफ.एस., नीलम वर्मा, देवेन्द्र बिष्ट, हर्षिता कोहली, राजेश आर्य, देवेन्द्र रावत, शम्भु दत्त साहिल, पवन कुमार, मनोज शाह टोनी, मुकेश धस्माना, प्रदीप मिश्रा, सईद आदि हैं। इस फिल्म के लेखक-निर्देशक : महेश भट्ट, निर्माताः सज्जू लाल टी आर, कॉन्सेप्ट: बीजू लाल आई.एफ.एस., क्रिएटीव प्रोड्यूसर : आयुष्मान भट्ट, कैमरा: मनोज सती और संतोष पाल, सम्पादन :आयुष्मान और आलोक सिंह, पटकथा : ऋतुराज, संगीत: अमित वी कपूर, विनय कोचर, मन चौहान, पार्श्व संगीत : अमित वी कपूर, स्वरः पद्मश्री कैलाश खेर और बीजू लाल आई.एफ. एस, कास्टिंग : सौरभ मिश्रा, कास्टूयम: काजल सिंह, फाइट अरूण सिंह, आर्ट: मोहम्मद जावेद हुसैन, एक्जीक्यूटिव प्रोडूयसर : संजय मैठाणी हैं।

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