हरियाणा के 22 जिलों में होंगे हिन्दी साहित्यकार सम्मेलन : डॉ. रामेन्द्र सिंह

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कुरुक्षेत्र, 14 अक्तूबर :- हिन्दी साहित्य भारती की बैठक आभासी माध्यम से सम्पन्न हुई, जिसमें मुख्यातिथि हिन्दी साहित्य भारती के केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शुक्ल रहे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रामेन्द्र सिंह ने की जबकि सान्निध्य हरियाणा प्रदेश प्रभारी आचार्य देवेन्द्र देव का प्राप्त हुआ। बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री डॉ. ऋषिपाल ने किया। बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि हिन्दी विश्व की एक नंबर भाषा है। आज विश्व का बौद्धिक वातावरण बदलने की तैयारी हमें करनी है। विश्व में शांति भारत के चिंतन से ही संभव है। पहले ऋषि-मुनियों ने यह कार्य किया। अब हिन्दी साहित्य भारती ने यह प्रण लिया है कि भारत माता ताज पहन कर बैठेगी। अब जागने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए डॉ. रामेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हरियाणा अग्रणी बनेगा। बच्चों की शिक्षा मातृभाषा में हो, इस विचार को भी रखा गया, जिसे शिक्षा नीति में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अधिवेशन के बाद साहित्यकारों की टोलियां बनाकर विदेशों में भी कार्यक्रम करने की योजना है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि विषय व इस प्रकार की मानसिकता तैयार रखें कि पूरे विश्व में 10 -12 साहित्यकार अलग – अलग देशों में जाकर कार्य करेंगे। साहित्य सम्बद्ध यात्रा है। आज के वातावरण को देखिए तो अंदाजा होगा कि हमारे पूर्वजों ने कितना कष्ट सहा है। उन्होंने सदस्यों को निर्देश दिए कि 4 नवम्बर के बाद सम्मेलनों को प्रारंभ करें और 25 नवम्बर से पूर्व जिलों के सम्मेलन पूर्ण कर लें। प्रदेश का अधिवेशन प्रत्यक्ष रूप से 5 से 10 दिसम्बर के मध्य रहे। केन्द्रीय अधिवेशन तीन दिन का होगा।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रामेंद्र सिंह ने कहा कि व्यापकता को सजग व मजबूत करने की आवश्यकता है। आचार्य जी ने जो कहा है, उनकी बातों को रेखांकित कर मनोयोग से पालन करें। हरियाणा में 22 जिले हैं, 6 मण्डल हैं। सभी जिलों के जनपदों में अध्यक्ष, महामंत्री नियुक्त कर दिए गए हैं। हरियाणा प्रान्त में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य लेकर हम चलते हैं, उसका प्रसाद भी ईश्वर से हमें मिलता है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि आज की बैठक में अतीत, वर्तमान की स्थिति व उसकी भावी परेशानियों की चर्चा की है। आज के वातावरण को बदले बिना काम नहीं चल सकता। लेखनी का भरपूर प्रयोग करना चाहिए तभी हम वातावरण को बदल सकते हैं।
बैठक में आचार्य देवेन्द्र देव ने पत्र लेखन अभियान तथा सभी गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न आयामों के बारे में जो विषय रखा है, उसे प्रान्तीय स्तर पर क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। बैठक में डॉ. ऋषिपाल ने कहा कि निपुणता, आत्मविश्वास हमारे काम आता है। सभी पदाधिकारी आत्मीयता से हमारा मार्गदर्शन करते रहते हैं। बैठक में हरियाणा प्रदेश के संयुक्त महामंत्री रमाकांत शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में नीरजा शर्मा, डॉ. क्यूटी, डॉ. हुकम सिंह, प्रो. सी.सी. त्रिपाठी, डॉ. सुनील भारती, महेंद्र कपूर, डॉ. राजीव कुमार गाबा सहित 53 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
हिन्दी साहित्य भारती की बैठक में भाग लेते प्रतिनिधि।

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