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हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में हिंदी दिवस पर ‘आओ हिंदी को आगे बढ़ाये’ कार्यक्रम आयोजित।
कुरुक्षेत्र,14 सितंबर : रोजगार, स्वरोजगार और जनहित के कार्य को आगे बढ़ाती हिंदी, सबको सरल सौम्य बनाती हिंदी, ये कहना है, जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा का, जो हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यक्रम ‘आओ हिंदी को आगे बढ़ाये’ में मुख्य वक्ता बोल रही थी। उन्होंने कहा कि भारत के मीडिया क्षेत्र में वर्तमान में सबसे अधिक हिंदी में समाचार-पत्र, पत्रिकाएं, चैनल, वेबसाइट, न्यूजपोर्टल संचालित है जिससे लोगों को अधिक रोजगार, स्वरोगार के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने का कि हिंदी का दायरा पहले की तुलना दिनोंदिन बढ़ रहा है जिससे मीडिया के बाहर भी दूसरे क्षेत्रों अपार रोजगार के अवसर मिल रहे।
इस अवसर पर संस्थान की सहायक प्राध्यापिका डॉ मधुदीप सिंह ने कहा कि भारत में हिंदी ही ऐसी भाषा है जो अधिक से अधिक लोगों को एक साथ जोड़ सकती है। हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के संयुक्त मिलन को नई शिक्षा नीति में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-काल में भारत ने विश्व का नमस्ते के माध्यम से अभिवादन सिखाया जो काबिल तारिफ है। इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्रोफेसर डाॅ. आबिद अली ने हिंदी को वर्तमान समय की जरूरत बताया और कविता के माध्यम से हिंदी से जुड़े रहने का संदेश दिया। उन्होने कहा कि हिदी और उर्दू एक सच्चे सहेली की तरह आगे बढ़ी है और उन्हें एक साथ आगे बढ़ते रहना ही होगा ताकि समाज एकजुटता से साथ आगे बढ़े।
इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्राध्यापक डाॅ. अभिनव ने कहा कि कोई भी भाषा आपको संस्कृति, सभ्यता, रिति-रिवाज सिखाती है जिससे अधिक से अधिक समाज को समझने का अवसर मिलता है। उन्होने कहा कि हमें एक से अधिक भाषाओं का अगर जानकारी है तो यह हमारे ज्ञान में वृद्धि तो करती है साथ में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पाने में सहायक बनती है।
इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्राध्यापक डाॅ रोशन मस्ताना ने कहा कि अच्छे विचार केवल आपको अपनी मातृभाषा में ही आ सकते हैं, अपने विचारों व्यक्त करने के लिए हमें अपने मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इससे आपको अपना संचार करने में किसी तरह असुविधा का सामना नहीं करना पडता है। इस अवसर पर संस्थान की सहायक प्राध्यापिका डॉ. रोमा सिंह ने कहा कि आज की वर्तमान पीढ़ी को हिंदी की तरफ अधिक से अधिक आकर्षित होना चाहिए ताकि वे अपनी संस्कृति, इतिहास को समझ सके। है। ‘आओ हिंदी को आगे बढ़ाये’ कार्यक्रम की श्रंखला को बांधते हुए विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रदीप राय ने कहा कि हिंदी दिवस मनाने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी ? तथा किस तरह से वर्तमान में हिंदी विश्व स्तर पर कार्य कर रही है इस पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर कंवरदीप शर्मा ने कहा कि हिंदी को राजभाषा के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए वे भारत सरकार से पत्र व्यवहार करेंगे। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों ने कविता, गजल, गानें गाकर हिंदी का गुणगान किया।
मंच का संचालन कर रहे बीए जर्नलिज्म के पांचवे सेमेस्टर के विद्यार्थी अनिल कुमार ने कहा कि मां मातृभूमि मातृभाषा से जुड़ा व्यक्ति हर तरह से सफलता पाता है। इस अवसर पर डॉ. तपेश किरण , सचिन, कंचन, अर्पणा, सचिन कुमार, गुरदीप धीमान और विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।