पंजाब के अल्पसंख्यक हिंदुओं के हितों हेतु मिले “हिन्दू मंदिर एक्ट” : बजरंगदल हिंदुस्तान
सरकारी नियंत्रण से मुक्त होकर, हिन्दू हितों में इस्तेमाल होगा मंदिरों का चढ़ावा : हितेश भारद्वाज
मोगा (शर्मा) : 02 मार्च स्थानीय जैसवाल होटल, 9 न्यू टाउन, मोगा में “हिन्दू मंदिर एक्ट” की मांग को लेकर बजरंग दल हिंदुस्तान द्वारा विशेष प्रैस कांफ्रैंस का आयोजन किया गया। पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए बजरंग दल हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष हितेश भारद्वाज, राष्ट्रीय सीनियर उपप्रधान साहिल गुप्ता व अंतरराष्ट्रीय सन्त स्वामी तूफान गिरी जी महांराज व प्रदेश संगठन मंत्री अश्वनी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू मंदिरों के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, जो की चिंता का विषय है।इस मौके हितेश भारद्वाज ने कहा कि बजरंग दल हिंदुस्तान आगामी 4,मार्च को पंजाब के तमाम हिन्दू संगठनों को साथ लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलेगा। जहां पंजाब में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के हितों हेतु “हिन्दू मंदिर एक्ट” को जल्द लागू करने की मांग की जाएगी। श्री भारद्वाज ने कहा कि बजरंग दल हिन्दूस्तान “हिन्दू मंदिर एक्ट” की मांग पहले भी करता आया है, पर इस बार पंजाब सरकार को हिन्दू मंदिर एक्ट लागू करना ही होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि दरसल एक षड्यंत्र के तहत 1951 में सरकार ने “हिंदू धर्म दान एक्ट” पास किया था। इस एक्ट के जरिए केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार दे दिया कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिरों को अपने अधीन ले लिया था। पंजाब के भी कई शक्तिपीठ इस कारण पंजाब सरकार के आधीन हो गए। इसके इलावा देश भर के कई हिन्दू धार्मिक स्थल सरकार के आधीन हैं। जिससे हिंदुओं के तीर्थ स्थलों के पैसे हिंदुओं के हित मे ना लग कर देश की अन्य आर्थिक व्यस्थाओं पर खर्च हो रहे हैं। हितेश भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि एक आर टी आई में खुलासा हुआ था की सरकार द्वारा नियंत्रित हिन्दू मंदिरों के पैसे से ईसाई मिशनरियां फलीभूत हो रही हैं। उन्होंने शंका प्रकट करते हुए कहा कि मुसलमानों को दी जाने वाली हज सब्सिडी भी हिन्दू मंदिरों के पैसे से ही दी जा रही है। जिस वजह से अपने ही देश मे हिंदुओं का लगातार पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसका एक ही समाधान है “हिंदू मंदिर एक्ट”। बजरंग दल हिंदुस्तान हिंदू हित के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से हिंदू मंदिर एक्ट की मांग करेगा और हिंदू मंदिर एक्ट के लिए जागरूकता मुहिम चलाएगा। इस मौके साहिल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू मंदिर एक्ट का ढांचा कई साधु संतों महंतों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया के हिंदू मंदिर एक्ट का पूरा नाम देवालय देवस्थान प्रबंधक एक्ट है। देश में हिंदुओं के 30 लाख धार्मिक स्थानों में आमतौर पर 4 तरह की मैनेजमेंट होती है जैसे कि सरकारी प्रबंध, कमेटी या ट्रस्ट, महंत/ मठाधीश, व्यक्तिगत मंदिर। इस एक्ट के जरिए हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करा कर देश के सभी 30 लाख हिंदू मंदिरों को संगठित किया जाएगा। सरकारी प्रबंध को छोड़कर बाकी प्रत्येक धर्म स्थान से एक प्रतिनिधि मंडल देवालय देवस्थान प्रबंधक समिति का सदस्य होगा। सभी सदस्य मिलकर चुनाव के द्वारा राष्ट्रीय प्रदेशिक जिला और तहसील स्तर पर एग्जीक्यूटिव बॉडी को चुनेंगे। चुनी गई समितियां सवैधानिक अधिकारों से युक्त होकर सरकार से मुक्त कराए गए मंदिरों का प्रबंध करेंगी। हिंदुओं के आंतरिक और धार्मिक मामलों को सुलझाएगी। धार्मिकता के लिए अलग-अलग अखाड़ों में से एक-एक प्रतिनिधि संत मिलकर मार्गदर्शक मंडल बनेगा, जो धार्मिक मामलों में आपसी विचार विमर्श कर के दिशा निर्देश सर्वसम्मति या बहुमत से जारी करेगा और प्रबंधक समिति मार्गदर्शक मंडल के दिशा निर्देशों को पूरे हिंदू समाज तक पहुंचा कर लागू करेगा। इस मौके स्वामी तूफान गिरी जी महाराज ने कहा की देवालय देवस्थान प्रबंधक एक्ट में सरकार की दखलअंदाजी नही होगी व हिंदू धर्म स्थानों में पूरी धार्मिकता संस्कृति धर्म प्रसार और गौ सेवा आदि के साथ-साथ हिंदुओं के कमजोर वर्ग के लिए शिक्षा, सेहत आदि जैसी सुविधाएं चलेंगी। जिससे हिंदुओं के धर्मांतरण पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके इलावा हिन्दू मंदिर एक्ट के अंतर्गत हिन्दू धर्म ग्रंथों, शिक्षाओं व सनातन की विषताओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए विशेष विद्यालय चलेंगे, जिनका अनुछेद 30, 30A व 30 (1) से कोई संबंध नहीं होगा।