कुरुक्षेत्र साई सेंटर से पहले हाकी खिलाड़ी सुरेन्द्र पालड़ को मिला टोक्यो जापान ओलम्पिक का टिकट

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कुरुक्षेत्र का पहले खिलाड़ी सुरेन्द्र का चयन हुआ। भारतीय हाकी टीम में, साई सेंटर में दौड़ी खुशी की लहर।
सुरेन्द्र के कोच गुरविन्द्र सिंह को दी बधाईयां, केवल 17 साल की मेहनत से चमका सुरेन्द्र का सितारा।

कुरुक्षेत्र 19 जून :- भारतीय खेल प्राधिकरण के कुरुक्षेत्र प्रशिक्षण केन्द्र से हाकी के गुर सीखने वाले सीधे-सादे हाकी खिलाड़ी सुरेन्द्र पालड़ को रियो ओलम्पिक 2016 के बाद अब दूसरी बार टोक्यो जापान ओलम्पिक 2021 का टिकट मिल गया है। कुरुक्षेत्र के इस खिलाड़ी का चयन टोक्यो ओलम्पिक में जाने वाली भारतीय हाकी टीम के लिए कर लिया गया है। इसकी सूचना मिलते साई सेंटर के अधिकारियों, प्रशिक्षकों और खिलाडिय़ों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस अहम उपलब्धि पर अंतर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सुरेन्द्र पालड़ के प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
कुरुक्षेत्र सैक्टर 8 से एक छोटे से किसान मल्खान सिंह के पुत्र सुरेंद्र कुमार पालड़ ने अथक मेहनत और लगन से पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा के बल पर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का नाम रोशन करने का काम किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी ने 6 साल की उम्र से ही अपने हॉकी जीवन की शुरूआत की। पहली स्कूली नैशनल प्रतियोगिता से अपना जीवन शुरू करने वाले हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार पालड़ का चयन मंगलवार को टोक्यो ओलम्पिक 2021 के लिए भारतीय सीनियर हॉकी टीम के लिए किया गया है।
उन्होंने बताया कि गांव बारान में जन्में सुरेंद्र कुमार पालड़ अब सैक्टर 8 कुरुक्षेत्र के स्थाई निवासी है। केवल मात्र हॉकी का खिलाड़ी बनने की लगन ही सुरेंद्र पालड़ को गांव से शहर तक ले आई। कुरुक्षेत्र के द्रोणाचार्य स्टेडियम से साथ लगती कालोनी में रहकर वर्ष 2004 में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के हॉकी कोच गुरविंद्र सिंह का दामन थामा। यहीं से सुरेंद्र कुमार पालड़ ने अपने हॉकी जीवन की शुरूआत की। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने बातचीत करते हुए बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने का पूरा श्रेय साई के हॉकी कोच गुरविंद्र सिंह का ही है। उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई नरेंद्र कुमार भी हॉकी के अच्छे खिलाड़ी है।
साई प्रभारी एवं हाकी प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुरेंद कुमार पालड़ ने वर्ष 2004 में हॉकी को हाथ में पकड़ा और हॉकी की एबीसी सीखना शुरू किया। महज 6 साल में अथक मेहनत और लगन से हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने मई 2010 में राई में स्कूल नैशनल 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता में भाग लिया। अपनी पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शानदार खेल का प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता जीतने में अहम भूमिका निभाई। इसी प्रदर्शन के बल पर हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ का वर्ष 2011 में जुनियर नैशनल गेम के लिए हरियाणा की टीम में चयन हुआ। पुणे में हुई इस जूनियर नैशनल हॉकी चैम्पियनशिप में हरियाणा की तरफ से खेलते हुए सुरेंद्र पालड़ ने शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता को जीतकर हरियाणा ने पिछले 50 सालों के रिकार्ड को तोडऩे में सफलता हासिल की। इस प्रतियोगिता में शानदार खेल तकनीक के बलबूते पर ही सुरेंद्र कुमार पालड़ को इसी टूर्नामेंट के दौरान भारतीय हॉकी शिविर के लिए चयनित किया। इस कैम्प में सुरेंद्र कुमार पालड़ की प्रतिभा में और अधिक निखार आया और 3 से 13 मई 2013 में मलेशिया में हुई जूनियर हॉकी चैम्पियनशिप में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने भारतीय हॉकी टीम की तरफ से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में भारत को कांस्य पदक मिला। वर्ष 2012 नवम्बर माह में सुरेंद्र पालड़ का चयन फिर से भारतीय जूनियर हॉकी टीम में हुआ। इस बार मलेशिया में जौहर कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को दूसरा स्थान मिला। वर्ष 2013 में ही अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने हॉलैंड व बेलजियम में जूनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से टेस्ट सीरिज खेली और इस टेस्ट सीरिज में सुरेंद्र कुमार पालड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा।
उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने एक बार फिर से जूनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से मलेशिया में जौहर कप जीतने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इस प्रतियोगिता में सभी देशों की टीमों को बुरी तरह परास्त कर गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की। इसके बाद सुरेंद्र कुमार पालड़ को 6 से 15 दिसम्बर 2013 को दिल्ली में हुए जूनियर हॉकी वल्र्ड कप में भी खेलने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता में भी सुरेंद्र कुमार पालड़ ने अच्छा प्रदर्शन किया। अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार पालड़ की प्रतिभा को देखते हुए सीनियर हॉकी टीम में भी जून 2013 में भारतीय हॉकी टीम का सदस्य बनाया गया। सीनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से जापान में हुई एशियन चैम्पियनशिप खेलने का मौका मिला। इस चैम्पियनशिप में भारतीय टीम ने 5वां स्थान हासिल किया था।
उन्होंने कहा कि इसके पश्चात सुरेंद्र कुमार पालड़ को हीरो होंडा हॉकी इंडिया लीग के लिए भी दिल्ली वेव राईडरज की तरफ से चुना गया। यह पहला ऐसा खिलाड़ी है, जिसे दिल्ली वेव राईडर ने लगातार हॉकी टीम के लिए चुना। दिल्ली वेव राईडर की तरफ से खेलते हुए वर्ष 2013 में सिल्वर पदक, 2014 में स्वर्ण पदक और 2015 में कांस्य पदक हासिल करने में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हॉकी के इस नन्हें से जादूगर की प्रतिभा को देखते हुए फूड कारपोरेशन आफ इंडिया ने स्पोर्ट कोटे के तहत वर्ष 2013 में नौकरी दी। एफसीआई की तरफ से भी सुरेंद्र कुमार पालड़ ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। इसके बाद रियो ओलम्पिक 2016 में अपनी प्रतिभा को दिखाया। अब टोक्यो जापान ओलंम्पिक 2021 में कुरुक्षेत्र का सुरेंद्र अपनी प्रतिभा दिखाकर देश के लिए मैडल हासिल करेगा। इस मौके पर साई के प्रशिक्षक सतपाल सिंह, कुलदीप सिंह वडैच सहित अन्य प्रशिक्षकों और अधिकारियों ने बधाई दी है।

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