शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फूल मालाएं अर्पित कर मनाई वर्षगांठ
फिरोजपुर 28 सितंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]:-
भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ पूरे भारतवर्ष में मनाई जा रही है. आज ही के दिन 1907 में शहीद भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के लायलपुर स्थित बंगा गांव में हुआ था. उनके मां का नाम विद्यावती और पिता का नाम किशन सिंह है.
भगत सिंह को 23 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी शासकों ने असेंबली में बम फेंकने के आरोप में 23 मार्च साल 1931 को उनके क्रांतिकारी साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया था. आज भगत सिंह की 114वीं वर्षगांठ पर
श्री दविंदर बजाज ने कहा कि आज समय है कि नौजवानों को इन शहीदों के बताए पूरनियों पर चलने की और युवाओं को नशों से दूर रहने की प्रेरणा दी उन्होंने बताया कि
सरदार भगत सिंह कहा करते थे
“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है”
“जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं”
हुसैनीवाला बॉर्डर पर जाकर श्री दविंदर बजाज उनके साथ श्री बलदेव उप्पल कैलाश शर्मा राजीव धवन नरेश विज चांद बजाज ने शहीदों की समाधि पर फूल मालाएं अर्पित की और देशवासियों को उनके बताए हुए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी वंदे मातरम और भारत माता की जय के जयकारे लगाएं