गुरुकुल शिक्षा उत्सव में छठी कक्षा हेतु सैकड़ों बच्चों ने दी परीक्षा


गुरुकुल शिक्षा उत्सव में छठी कक्षा हेतु सैकड़ों बच्चों ने दी परीक्षा।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
उत्तम शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य और उत्तम संस्कार हमारा लक्ष्य : आचार्य देवव्रत।
कुरुक्षेत्र, 23 मार्च : बच्चों को उत्तम शिक्षा के साथ-साथ उत्तम स्वास्थ्य और वैदिक संस्कारों से पोषित करना गुरुकुलीय शिक्षा के मुख्य उद्देश्य हैं और गुरुकुल कुरुक्षेत्र सहित गुरुकुल नीलोखेड़ी, गुरुकुल ज्योतिसर और आर्यकुलम् नीलोखेड़ी में छात्रों के जीवन-निर्माण हेतु इन्हीं बिन्दुओं पर कार्य किया रहा है। उक्त शब्द आज गुरुकुल शिक्षा उत्सव में छठी कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा देने आए छात्रों के अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहे। इस अवसर वैदिक विद्वान् डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार, गुरुकुल नीलोखेड़ी के जगदीश आर्य, गुरुकुल ज्योतिसर के शिवकुमार आर्य सहित अन्य महानुभाव मौजूद रहे।
आचार्य ने कहा कि आज टी.वी., मोबाइल, सोशल मीडिया अभिभावकों के लिए बड़ी समस्या बन गये हैं क्योंकि बच्चे दिनभर इनसे चिपके रहते है, पढ़ाई और फिजीकल एक्टीविटीज् में उनकी रूचि लगातार कम होती जा रही है। बच्चों की दिनचर्या को बेहतर करने और उनके भविष्य को संवारने के लिए अधिकांश अभिभावक यह चाहते हैं कि उनके बच्चे का प्रवेश गुरुकुलों में हो जाए। आचार्यश्री ने बताया कि हमारे गुरुकुलों में एक निर्धारित दिनचर्या के तहत बच्चों को पढ़ाई, खेलकूद और अन्य कार्यों हेतु पर्याप्त समय दिया जाता है, बच्चे की एक-एक गतिविधि पर अध्यापकों की नजर होती है। गुरुकुलों में एनडीए, आईआईटी, नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की पूरी व्यवस्था है, साथ ही करियर के चुनाव हेतु भी समय-समय विशेष गाइडेंस प्रोग्राम होते हैं जिससे बच्चा अपनी रूचि के अनुसार अपने करियर का चुनाव कर सके पूरा फोकस अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा सके। उन्होंने कहा कि गुरुकुलों में फास्टफूड, जंकफूड नहीं दिया जाता, यहां बच्चों को प्राकृतिक खेती से उत्पादित भोजन और देशी गायों की गोशाला का शुद्ध दूध-घी दिया जाता है जिससे बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनें। उन्होंने सभी अभिभावकों को आश्वस्त किया कि जिन बच्चों को प्रवेश गुरुकुल में हुआ उसके भविष्य की चिन्ता न करें, गुरुकुलीय शिक्षा आपके बच्चे को संस्कारित कर एक सभ्य इंसान बनाएगी जिससे वो अपना भविष्य तो उज्जवल बनाएगा ही साथ ही बुढ़ापे में आपकी पूरी सेवा भी करेगा।
गुरुकुल कुरुक्षेत्र के निदेशक ब्र्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार ने गुरुकुल के छात्रों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले ढाई वर्ष में गुरुकुल कुरुक्षेत्र ने एनडीए के माध्यम से 41 उच्च अधिकारी देश की विभिन्न सेनाओं में भेजे हैं जो किसी सैनिक स्कूल से भी बेहतर रिजल्ट है। उन्होंने कहा कि वे 12 वर्षों तक अनेक सैनिक और मिलिट्री स्कूल में रहे मगर जो रिजल्ट गुरुकुलों के बच्चों के है, ऐसा रिजल्ट देश के दूसरे स्कूल नहीं दे पाते, ऐसा आचार्यश्री के कुशल मार्गदर्शन और उनकी सोच के कारण हो रहा है। उन्होंने बताया कि गुरुकुल में 10वीं और 12वीं में सभी बच्चे मेरिट से पास होते है, आईआईटी, एनआईटी, नीट में जा रहे है। बच्चे को यहां ऐसा वातावरण उपलब्ध कराया गया है कि वह पढ़ाई के साथ-साथ अपनी प्रतिभा को पूरा निखार पाए और जीवन में अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करे।