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अयोध्या
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धार्मिक पीठ शीर्ष गद्दी पर बैठ कर संत आत्महत्या कर सकता है तो फिर उनको किस बात का तनाव, इसकी व्याख्या होनी चाहिए- सद्गुरु रितेश्वर महाराज
अयोध्या। वृंदावन से अयोध्या पहुंचे सद्गुरु रितेश्वर महाराज का महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध मौत पर बयान। कहा सनातन धर्म सत्ता से पैसों से धन से उत्तम नहीं हुआ है। ज्ञान से उत्तम हुआ है। पैसों के लिए संपत्ति के लिए जिसने ये काम किया है पीठ के लिए जिसने ये काम किया है तो यह सतयुग में भी होता रहा है। द्वापर में भी हुआ। त्रेता में भी हुआ। कलयुग में भी हो रहा है। इससे सनातन धर्म और मजबूत होकर निकलेगा। लोग समझ पाएंगे। हमने सत्ता पैसे और समृद्धि को ही केवल जो धर्म समझ लिया है। धर्म वास्तव में आत्मिक उन्नति का नाम है। आनंद का नाम है और आत्मज्ञान का नाम है। समाज को यह बताना पड़ेगा आने वाली पीढ़ियों को बताना पड़ेगा नहीं तो जवाब देते देते थक जाएंगे क्योंकि धार्मिक पीठ पर यह जिम्मेदारी होती है वह लोगों के तनाव को कम करें।कहीं यह आत्महत्या आ गई और लोगों ने पूछा कि धार्मिक पीठ शीर्ष गद्दी पर बैठ कर संत आत्महत्या कर सकता है तो फिर उनको किस बात का तनाव। इसकी व्याख्या होनी चाहिए- सद्गुरु श्री रितेश्वर महाराज