हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पंचकुला :- देश के हालातों को देखते हुए हमें अपने पर्यावरण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है । जिस प्रकार से जंगलों को खत्म कर हम प्लाट काट रहे हैं आने वाले वक्त में ये दुनिया के लिये कितना घातक सिद्ध हो सकता है । ये हमारी सोच के बाहर है । यह बात सार्थक विद्यालय सैक्टर 12-ए पंचकुला की छात्रा कल्पना कक्षा 6 ई के द्वारा कहा गया है ।
पौधा हमारे जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है और पेड पौधों को इन्सान काट देता है जबकि मैं देशवासियों को संस्कार न्यूज के तहत बताना चाहूंगी कि हमारे साथ क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं उसके जीवन का आधार हैं। पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं जो पूजा पाठ में काम आते हैं जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं। वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है जो व्यक्ति एक पीपल एक नीम एक बड़ दस फूल वाले पौधे या बेलें दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है वह नरक में नहीं जाएगा।
आओ हम सब मिलकर पेड़ लगाये। जिससे हमारा जीवन सुरक्षित रहे और हमें शुद्ध वार्तावरण प्राप्त हो सके मैं पुनः से देशवासियों से निवेदन करती हूँ कि पेड़ पौधों को ना काटा जाये क्योंकि यही तो हमारे जीवन है।