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जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी भीषण गर्मी में करीब दो दशकों से पुरानी परंपरा को निभाने के लिए अग्नि तपस्या पर बैठते हैं।
कुरुक्षेत्र, 30 मई : आजकल 45 डिग्री के तापमान में भीषण गर्मी ने हर किसी के पसीने छुड़ा रखे हैं। लोग गर्मी से बेहाल हैं तो वहीं धर्मनगरी के जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी विश्व कल्याण एवं शांति के लिए इस भीषण गर्मी में आग की लपटों के बीच अग्नि तपस्या कर रहे हैं। आग की लपटों के बीच महंत राजेंद्र पुरी भजन संकीर्तन भी कर रहे हैं। भजन संकीर्तन करते हुए मस्ती में महंत राजेंद्र पुरी ऐसे प्रतीत होते हैं मानों आग के बीच नहीं ठंडी हवाओं में बैठे हैं। श्रद्धालु भी भजन संकीर्तन में साथ देते हैं। ऐसे में श्रद्धालु रोजाना भीषण गर्मी में भी भगवान की भक्ति में लीन होकर आग के ढेरों के बीच अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या कर रहे महंत राजेंद्र पुरी के दर्शनों एवं पूजन के लिए पहुंचते हैं। जैसे अग्नि तपस्या के दिन बढ़ रहे हैं तो अग्नि कुंडों की ऊंचाई बढ़ रही है। महंत राजेंद्र पुरी के अनुसार वे उस समय कठोर अग्नि तपस्या में लीन होते हैं जब सूर्यदेव अपने चरम पर होते हैं। जब सूरज आसमान में पूरे शबाब पर पहुंचकर आग बरसा रहे होते हैं। महंत राजेंद्र पुरी दोपहर करीब साढ़े 11 बजे से 3 बजे तक कठोर अग्नि तपस्या में लीन होते हैं। राज्य के कई क्षेत्रों में तापमान 50 डिग्री के करीब है तो महंत राजेंद्र पुरी ऐसी भीषण गर्मी में एक करीब दो दशकों से पुरानी परंपरा को निभाने के लिए अग्नि तपस्या पर बैठते हैं। यह जटिल तपस्या 1 या 2 नहीं बल्कि कई दिन तक चलती है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि केवल जनकल्याण एवं सनातन धर्म के प्रचार के लिए ही कठोर अग्नि तपस्या की जाती है। जग ज्योति दरबार में चल रही अखंड अग्नि तपस्या के अवसर पर भगत सराय सुखी, रामपाल रत्नहेड़ी, सागर अम्बाला, राजेंद्र कुमार काकेडी, कुलदीप हिंदू देवीदास पुरा, श्याम यमुनानगर, वंश पानीपत, लाल सिंह कुरुक्षेत्र, अमित बन, नरेश हेरवा, समर सिंह पीपली, रोहित शाहाबाद व सुशील पिपली इत्यादि सेवा के लिए मौजूद रहे।
अग्नि तपस्या में बैठे महंत राजेंद्र पुरी।