*आजमगढ़ से बिजेंन्द्र सिंह की खास रिपोर्ट:
*छपरा सुलतानपुर की घटना में आरोपी शिक्षक निलंबित,10 से 15 मिनट की वीडियो बनाने वाले तमाशाई शिक्षकों के ऊपर भी कार्यवाही होगी कौन तय करेगा??
आजमगढ़:अजमतगढ़ (ब्लॉक) 4 सितंबर दिन शनिवार सुबह 10:00 बजे हुई इस घटना के बारे में कुछ बताना चाहुँगा, पिछले 1 हफ्ते से छपरा सुल्तानपुर गांव के निशवा स्कूल की एक वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। जहां विद्यालय रणभूमि बना हुआ है, इस रण क्षेत्र में एक शिक्षक जिसके हाथ में तलवार तो नहीं है लेकिन ना जाने किस बात पर वह बहुत ही उग्र नजर आ रहे हैं। जैसे उन्हें किसी बात की बहुत ही गहरी पीड़ा, और नाराजगी हो, अब आप ही बताइए बिना किसी बात के कोई ऐसे उग्र तो नहीं हो सकता। पर अफसोस इस बात का है की इसी गहरी निराशा और पीड़ा में वह एक ऐसी हरकत कर जाते हैं जिसने उन्हें प्रथम दृष्टया तो दोषी बना ही दिया अब उनकी लाख सफाई आएगी कोई मानने को तैयार नहीं होगा इस देश में नारियों का सम्मान तो होना ही चाहिए, जो शायद उग्र और बुढ़ापे की तरफ अग्रसर शिक्षक महोदय नहीं कर पाए।
जो वीडियो वायरल हो रही है उसमें साफ-साफ दिख रहा है कि एक शिक्षक एक शिक्षिका के ऊपर हमलावर नजर आ रहे हैं, और शिक्षिका पीछे हटती जा रही हैं, अब सभ्य समाज में शिक्षक की हरकत कहीं से भी मर्यादित नहीं कही जा सकती, आपको बता दें कि ये पूरी वीडियो 10 से 15 मिनट की बनाई गई है, लेकिन मेरी समझ में एक बात नहीं आई जितनी तत्परता और लगन शीलता से वीडियो बनाई जा रही थी, अगर उतनी ही तत्परता और लगन सिलता से शिक्षक महोदय को काबू करने का प्रयास किया गया होता, तो शायद यह मामला इतना आगे बढ़ता ही नहीं, ठीक है माना कि आपको साक्ष्य और सबूत चाहिए था अपना पक्ष मजबूत करने के लिए तो आपको सबूत तो 1 से 2 मिनट की वीडियो में ही मिल गया होता उतनी ही कार्रवाई करवाने के लिए काफी थी, पर वहां मौजूद शिक्षक महोदय आपकी मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं कि आपको भी यह दृश्य कहीं देखने में आनंद तो नहीं आने लगा था नहीं तो, आपको यह बात बताना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि वहां दो हटे- कटे गबरू शिक्षक मौजूद थे, जिन्हें बुढ़ापे की ओर अग्रसर उग्र शिक्षक को काबू करना कोई बड़ी बात नहीं थी, यहीं पर शंका और उनकी मनसा और शंका बढ़ जाती है
आखिर क्यों यह सब होने दिया गया।
एक बात की जानकारी आपको देना और भी जरूरी हो जाता है वहीं से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर इमिलिया पुलिस चौकी भी है अगर वीडियो बनाने में मशगूल शिक्षक महोदयों ने इसकी सूचना पुलिस को तुरंत दे दी होती, तब भी हमलावर शिक्षक को काबू कर लिया जाता।
अब यह बात तो BSA और ABSA महोदय ही बता सकते हैं की वीडियो बनाने वाले भी क्या उतने ही दोषी है, जितना वीडियो में दिख रहा हमलावर शिक्षक, अगर हां तो क्या उन पर भी कार्रवाई बनती है।
वायरल वीडियो में अगर कोई भी देखेगा वह यही कहेगा कि गलती शिक्षक की ही है जिसने एक नारी जाती का सम्मान नहीं कीया, और यह बात तो हम सभी मानते हैं इस बात की सजा तो शिक्षक को मिलनी ही चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं की यहां पर BSA महोदय इसकी ईमानदारी से जांच करवा कर जो भी दोषी होगा इसमें उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि शिक्षक को निलंबित कर उसके ऊपर एफ आई आर भी दर्ज करवा दी गई है।
आज जब मीडिया कर्मी शिक्षक के निलंबित होने के बाद निशवा स्कूल पर गए और वहां के प्रधानाध्यापिका से सवाल पूछा की आप इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती थी की वो निलंबित हो और जेल जाएं, बल्कि उन्हें कहीं और अटैच कर दिया जाए पर यहां मेरे विद्यालय में ना रहे उनके साथ पूरे विद्यालय के स्टाफ सभी ने यही बात दोहराई।
हालांकि इस मामले में आरोपी शिक्षक को निलंबित कर FIR दर्ज की जा चुकी है बस उनकी गिरफ्तारी ही शेष बची है।
फिलहाल इस घटना की जाँच BEO को सौंप दी गई है।
वही बीएसए अतुल सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच करने के लिए अतरौलिया के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी गई है। बीएसए का कहना है कि प्रथम दृष्टया आरोपी शिक्षक को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है।