एमडब्ल्यूबी के कार्यक्रम में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सुमित खन्ना (पंजाब), विशाल सूद (हिमाचल), संजीव शर्मा (दिल्ली) को दिए अधिकार पत्र।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

आपातकाल में पत्रकारों ने कराई थी लोकतंत्र की बहाली : ज्ञानचंद गुप्ता।
नाम के अनुसार कार्य कर रही एमडब्ल्यूबी : कंवरपाल।
एमडब्ल्यूबी कर रही सराहनीय कार्य : बिशंभर बाल्मीकि।
सरकार जल्द देगी पत्रकारों को खुशखबरी : प्रवीण अत्रे।

चंडीगढ़ : मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) की उत्तर भारत की इकाई का आज गठन किया गया। पंचकूला के रेड बिशप में आयोजित एसोसिएशन के कार्यक्रम में अमृतसर के सुमित खन्ना को पंजाब का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया। इसके अलावा संजीव शर्मा को दिल्ली, मीर आफताब को जम्मू-कश्मीर, संजीव महाजन को चंडीगढ़ और विशाल सूद को हिमाचल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इनके साथ ही ज्योति संग को एसोसिएशन के सलाहकार बोर्ड का उत्तर भारत का अध्यक्ष बनाया गया। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने सभी को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस दौरान सभी वक्ताओं ने मीडिया कर्मचारियों, संस्थानों और संगठनों को लेकर अपने विचार व्यक्त एसोसिएशन की ओर से दो सत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पहले सत्र में कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने मीडिया वेलबिंग एसोसिशएन के पत्रकारों के लिए बनाए गए पहचान पहचान पत्र का लोकापर्ण करते हुए एसोसिएशन के सदस्यों में उनका वितरण किया। किए। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन को पत्रकारों के हित के लिए किए जाने रहे कामों के लिए अपने कोष से 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसी प्रकार से समाज कल्याण राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि ने 5 लाख और कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने 2.51 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने पत्रकारों के समक्ष आने वाली समस्याओं के अलावा उनकी मांगों को लेकर एक ज्ञापन विधानसभा अध्यक्ष, राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव को सौंपा।
लोकतंत्र को बहाल कराने में पत्रकारों की थी अहम भूमिका- गुप्ता
मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जब भी देश पर कोई विपत्ति आई या फिर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की गई तो मीडिया ने हमेशा उसका डटकर विरोध किया। इमरजेंसी के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय नेताओं और अनेक पत्रकारों को जेल में डाला गया। इमरजेंसी घोषित होते ही देश में सेंसरशीप लगा दी गई। अगले दिन समाचार पत्रों में केवल एक लाइन सेंसर लिखा हुआ आया था औऱ बाकी का पूरा अखबार खाली था। उन दिनों में समाचार पत्रों में कुछ भी नहीं छपता था। कभी तीसरे या चौथे पेज पर कोई छोटी की किसी घटना की खबर छपी हुई मिलती थी, लेकिन उस समय भी अनेक पत्रकारों को यातनाएं भी दी गई। परंतु इस पर भी समाचार पत्रों और पत्रकारों की ओर से साहस दिखाकर पत्रकारिता को जीवित रखने का काम किया गया। अखबारों पर भी सरकार का दमन चक्र चला, लेकिन उन्होंने निर्भिक होकर निष्पक्षता के साथ उन हालातों का सामना किया। देश से इमरजेंसी खत्म करवाने का श्रेय भी पत्रकार साथियों को ही है। लोकतंत्र को बहाल करवाने में पत्रकारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
मीडिया संगठनों का महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्थान।
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि देश पर जब भी कोई मुसीबत आई या किसी देश का हमला हुआ तो देश वासियों का हौसला बढ़ाने के लिए मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई। स्वतंत्र रूप से लोगों तक जानकारी पहुंचाने के साथ लोगों की राय और दृष्टिकोण बनाने में भी मीडिया का बहुत बड़ी भूमिका निभाई। हमेशा जनता तक स्वतंत्र और निष्पक्ष रुप सले सही जानकारी पहुंचाई। गुप्ता ने कहा कि किसी भी मामले में लोगों की राय औऱ दृष्टिकोण बनाने में मीडिया का बहुत बड़ा योगदान रहता है। मीडिया समाज में अनेक मुद्दों में उनका दृष्टिकोण बनाने में बहुत सहयोग करते हैं। इसके साथ ही युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में अनेक प्रकार के लेख पढ़ने को मिलते है, जिससे युवाओं में देश के प्रति कर्तव्य, देश के प्रति सोच और राष्ट्र प्रेम की भावना भी जागृत होती है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया समाज में फलाई जाने वाली गलत फहमियों को भी सही दिशा दिखाने का प्रयास करने के साथ उस पर नजर भी रखते हैं। इसलिए मीडिया संगठन समाज में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्थान रखते हैं।
नाम से ही लक्ष्य और दृष्टिकोण चलता है पता
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के नाम से ही उनके दृष्टिकोण और लक्ष्य का पता लगता है। इसका गठन पत्रकारों की सेवा, सहायता और सुख-दुख में शामिल होने के लिए किया गया है। अब तो हरियाणा ही नहीं, बल्कि पंजाब, हिमाचल और दिल्ली को भी साथ में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। गुप्ता ने कहा कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन सभी पत्रकारों को संगठित करके उनके कल्याण के लिए हमेशा तैयार रहती है। इस प्रकार के कार्यक्रम और पत्रकारों के संगठित होने की बहुत जरूरत है।
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ- बाल्मीकि
कार्यक्रम के दौरान राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि कईं बार पत्रकारों को अनेक दुर्गम स्थानों पर जाना पड़ता है। कई बार दंगों के दौरान चोट भी लग जाती है और कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है। ऐसे में मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन की ओर से पत्रकारों के कराए जा रहे 10-10 लाख रुपए के बीमा, एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने भविष्य में भी इसी प्रकार से कार्य करते रहने की उम्मीद जताई।
नाम के अनुसार कार्य कर रही एमडब्ल्यूबी: कंवरपाल।
कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन अपने नाम के अनुसार ही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी मुसीबत के समय में पत्रकार साथी की अपने स्तर पर आर्थिक मदद करना खुद में बहुत बड़ी बात है। उन्होंने एसोसिएशन की ओर से किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई की वह भविष्य में भी इसी प्रकार से पत्रकारों को एकजुट मुसीबत के समय में उनकी सहायता करते रहेंगे।
पत्रकारों को सरकार जल्द देगी खुशखबरी- अत्रे।
कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने एसोसिएशन के कामों की तारीफ करते हुए कहा कि यह अच्छा काम है कि सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का कार्य किया जा रहा है। एसोसिएशन की ओर से हरियाणा के तीन पत्रकारों की कीडनी बदलने के लिए की गई मदद को लेकर अत्रे ने कहा कि ऐसे एक पत्रकार को वह व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और उस पत्रकार ने खुद भी इस बात को उन्हें बताया था कि किस प्रकार से मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन ने उनकी मदद की। उन्होंने माना कि कईं इलाज बहुत महंगे होते है, जिन्हें करवा पाना एक आम इंसान के हाथ में नहीं होता। हरियाणा में पत्रकारों के कैश लैस इलाज और एफआईआर दर्ज होने के बाद मिलने वाली सरकारी सुविधा जैसी एसोसिएशन की मांगों पर कहा कि हरियाणा सरकार भी चाहती है कि मीडिया कर्मियों को कोई असुविधा ना हो फिर वह आर्थिक आधार हो या फिर इलाज ही क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जल्द ही पत्रकारों को बड़ी खुशखबरी दी जाएगी, जिसकी योजना और रुपरेखा पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।
इसलिए हुआ था एमडब्ल्यूबी का गठन
मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने बताया कि जब पूरी दुनिया कोरोना के बुरे दौर से गुजर रही थी, उस समय पत्रकार जगत भी इससे अछूता नहीं था। समाज की सेवा करने के दौरान मीडिया बंधु व उनके परिवार भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए। गंभीर रूप से संक्रमित कुछ पत्रकारों का जीवन भी इस दौरान समाप्त हुआ। अस्पतालों में पर्याप्त इलाज की उपलब्धता ना होने के कारण आर्थिक रूप से असंपन्न पत्रकारों ने इस बुरे दंश को ज्यादा झेला। उन परिस्थितियों को देखने व अध्ययन करने के बाद कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने मोबाइल पर विस्तृत चर्चा के बाद एक ऐसे पत्रकार संगठन के निर्माण पर फैसला लिया जो वास्तव में पत्रकारों के लिए वेलाबींग भलाई के लिए कार्य करे। पूरी रूपरेखा तैयार करने के बाद उसी दौरान संस्था की रजिस्ट्रेशन करवा ली गई। इसके बाद सुरेंद्र मेहता को महासचिव और तरुण कपूर को कोषाध्यक्ष बनाया गया तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में नरेश उप्पल को चिन्हित किया गया, जो लगातार अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
इन्हें मिला सम्मान
इस दौरान तीन पत्रकारों को खास अवॉर्ड और तीन पत्रकारों को 60 साल से अधिक की आयु पर भी सक्रिय भूमिका निभाने पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सम्मानित किया। इनमें भिवानी की हरियाणा वाटिका के संपादक नितिन वालिया को अमर शहीद लाला जगत नारायण अवार्ड, पानीपत टूडे के संपादक सतीश भारद्वाज को पत्रकारिता रत्न अवार्ड और कालांवाली के पवन शर्मा को पत्रकारिता अलंकार अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अलावा हरियाणा के 60 वर्ष से अधिक की आयु के पत्रकारों में सुमन भटनागर (अंबाला), सुरेंद्र भाटिया (पंचकूला) और सतनाम सिंह (शाहबाद मारकंडा) को सम्मानित किया गया। इसके अलावा समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने पर पोषण एवं प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान संघ की अध्यक्ष डॉ. निकी डबास को भी सम्मानित किया गया।
धरणी ने सरकार के समक्ष रखी मांगे
संस्था के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने बताया की इससे पहले भी कई बार दिए ज्ञापनों में मीडिया व उनके परिवारों के लिए कैश लेस हैल्थ सुविधा शीघ्र लागू करने, मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजि) को पंचकूला में मुख्यालय बनाने, प्रेस क्लब चंडीगढ़ की तर्ज पर भवन बनाने के लिए सस्ते दाम पर 500 गज (एक कैनाल) जगह उपलब्ध करवाए जाने, पत्रकारों को सस्ते दामों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि प्रजातन्त्र के तीन स्तम्भों की तरह को चौथे स्तंभ मीडिया को भी टोल फ्री सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मीडिया के लिए मुफ्त मेडिकल सुविधा पूरे हरियाणा में की जाए। हरियाणा सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया के लिए बनाए गए नियमों में मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था को सरल करने के साथ ही पड़ोसी राज्य पंजाब व अन्य राज्यों की तर्ज पर संशोधन किया जाए। किसी भी वेबमीडिया का मुख्यालय चाहे हरियाणा से बाहर हो, उन्हें भी मान्यता प्रदान की जाए। हरियाणा प्रेस मान्यता कमेटी तथा प्रेस रिलेशन कमेटी का पुर्न गठन किया जाए तथा मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के दो दो सदस्यों को उसमें शामिल किया जाए। मासिक मैगजीन व अखबारों की बन्द की गई एकराडिशन व्यवस्था सुदृढ़ कर पुनः शुरू की जाए। धरणी ने इस मांग पत्र के माध्यम से मीडिया जगत की आर्थिक स्थिति को कमजोर बताते हुए सभी जिलों में 15 साल से अधिक सक्रिय पत्रकारों व उनके परिवारों के सहयोग के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने पर विचार करने, वेब/डिजिटल की एकराडिशन पॉलिसी को सरल करने तथा मुख्यालय हरियाणा से बाहर जालन्धर, नोएडा, दिल्ली या अन्य कहीं पर है को प्रिंट मीडिया की तरह मान्यता प्रदान करने का प्रावधान करने की मांग की।

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