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कश्यप समाज के नाम से बोर्ड बनाने की सरकार से की जाएगी मांग।
कश्यप राजपूत भवन कुरुक्षेत्र के 42 वें स्थापना दिवस पर 26 जून को किया जाएगा सम्मानित समारोह आयोजित।
कुरुक्षेत्र : कश्यप राजपूत भवन कुरुक्षेत्र के 42 वें स्थापना दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन अखिल भारतीय आदिवासी कश्यप, कहार, निषाद, कोली,समन्वय समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कुरुक्षेत्र कश्यप भवन में आयोजित की गई। जिसमें देश के कोने कोने से कश्यप समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। 26 जून को कश्यप राजपूत भवन कुरुक्षेत्र के 42 वे स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित समारोह का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया जाएगा। संयोजक राजाराम कश्यप, इंद्री विधायक राम कुमार कश्यप, एमसीसी यूपी सुरेश कश्यप, महाराष्ट्र से विधायक रमेश पाटिल, पूर्व चेयरमैन रघुनाथ कश्यप,स्वामी गोपाल दास वाराणसी,अर्चना कश्यप यूपी,आरडी कल्याण घरौंडा, संरक्षक देशराज कश्यप,नीरज कश्यप राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष, गुरचरण कश्यप कार्यकारिणी अध्यक्ष, रमेश कश्यप पूर्व विधायक, नीलम कश्यप उपभोक्ता जज कुरुक्षेत्र, प्रधान ओमपाल कश्यप, धर्मशाला प्रधान राजबीर कश्यप व देश के कोने-कोने से आए समाज के गणमान्य लोगो ने समाज को एकजुट, समन्वय व एक नाम से बुलाए जाने के ऊपर मंथन व विचार विमर्श किया।
संयोजक राजाराम कश्यप व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि 8 राज्यों को मिलाकर एक समन्वय समिति का गठन किया गया है। जिन्होंने पूरे देश में काम करना है। उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए अनेकों मुद्दों को लेकर समन्वय समिति काम कर रही है और आज कुरुक्षेत्र कश्यप धर्मशाला में समन्वय समिति का सम्मेलन रखा गया है। उन्होंने कहा कि चार प्रमुख मुद्दे हैं पहले मुद्दे में हम लोगों को राजनीति व अन्य कई मुद्दों से पिछड़े होने की वजह से समाज पिछड़ गया था। इसलिए सरकारी नौकरी व अन्य कामों में आरक्षण का हमारा पहला मुद्दा है। वही दूसरा मुद्दा राजनीति में भागीदारी का है।उन्होंने कहा कि समाज गरीब होने की वजह से राजनीति में भागीदारी नहीं कर पाया इसलिए राजनीतिक पार्टियां हमें राजनीति में भागीदारी दे इसकी भी मांग समन्वय समिति द्वारा की जा रही है । और जहां पर हमारे कैंडिडेट गरीब है वहां पर हमें सरकार नॉमिनेट करें।ताकि समाज का आर्थिक उत्थान हो सके। तीसरा मुद्दा हमारा जातिगण मतगणना करवाना है और जो समाज में भ्रांतिया फैलाई जा रही है की अनेक नाम से कश्यप समाज को बुलाया जाता है इसलिए सभी जातियों को मिलाकर एक नाम से पुकारा जाए। वह भी मांग लगातार की जा रही है । अलग-अलग जगह पर अलग अलग नाम से हमको जाना जाता है। इसलिए समाज एकजुट नहीं हो पाया। आज कश्यप समाज के नाम से बोर्ड गठन करने का सरकार से मांग की जा रही है। ताकि एक नाम से समाज को बुलाया जाए और विभागों में भी एक ही नाम दर्ज किया जाए ताकि आरक्षण का लाभ एक समान मिल सके। और आशा करते हैं कि यह बोर्ड का गठन होने के बाद समाज को एक नाम से बुलाया जाएगा और जो समाज में कमियां पाई जाएगी इस बोर्ड के माध्यम से उसका समाधान किया जा सके। वही समाज की भलाई के लिए यह समन्वय समिति अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग कार्य भी कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अगर जातिगत मतगणना की जाए तो 25 करोड़ से ज्यादा कश्यप समाज के लोग रहते हैं। उनको अलग अलग जगह पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसलिए एक नाम की मांग सरकार से की जा रही है।