नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को न केवल डिग्री बल्कि कौशल वृद्धि के विषय में भी जागरूक होने की आवश्यकताः प्रो. मंजूला चौधरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य प्रमोद प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161- 91877
कुवि के उद्यमिता केन्द्र द्वारा आयोजित 10 दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन।
कुरुक्षेत्र, 14 फरवरी :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर व रूसा की नोडल अधिकारी प्रो. मंजूला चौधरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को न केवल डिग्री बल्कि कौशल वृद्धि के विषय में भी जागरूक होने की आवश्यकता है। वे कुवि के उद्यमिता केन्द्र द्वारा आयोजित 10 दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी।
उन्होंने रूसा के अंतर्गत होने वाली विभिन्न गतिविधियों से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया तथा उन्हें इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होनें कहा कि छात्रों को सफल उद्यमी बनाने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रयासरत है तथा इस प्रकार की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित होती रहेंगी जिससे कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पूरे उत्तर भारत में उद्यमशीलता प्रोत्साहन केन्द्र के रूप में उभर सके।
इससे पूर्व उद्यमिता केन्द्र के संयोजक प्रो. राजेन्द्र नाथ ने प्रो. मंजूला चौधरी को कार्यशाला के आयोजन में मार्गदर्शन के लिए आभार जताया। कार्यशाला की संयोजक सचिव डॉ. अर्चना ने माए एकेडमी आफ स्किल्स के डॉ. योगेश वर्मा द्वारा कार्यशाला के दौरान की गई गतिविधियों के विषय में विस्तारपूर्वक बताया।
कार्यशाला में सभी विद्यार्थियों को सरकार की उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं से अवगत कराया गया। प्रारम्भ में छात्रों के पूर्व ज्ञान को तथा कार्यशाला के अंत में ज्ञान अर्जन का मूल्यांकन कर उन्हें पहले से बेहतर पाया गया। इस दौरान उन्हें बहुत से असाईनमेंट, प्रोजेक्ट तथा प्रेजेंटेशन बनाने के लिए कहा गया। सभी विद्यार्थियों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा स्किल इंडिया एवं एमएसएमई पोर्टल पर अपना पंजीकरण भी करना सीखा। उद्यमी में गुण, अवधारणा, नोट बनाना, एक बिजनेस विचार को विकसित करना तथा बिजनेस अवसर का लाभ उठाना जैसे विषय भी विद्यार्थियों को समझाए गए। यह कार्यशाला छात्रों की सहभागिता पर आधारित थी। विद्यार्थियों ने अपने विचार सांझा करते हुए विश्वविद्यालय का धन्यवाद करने के साथ-साथ इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रखने का निवेदन किया। कार्यशाला संयोजिका डॉ. रंजना ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।