उत्तराखंड के मैदानी जिलों में किसान सियासी समीकरण बनाने बिगड़ने की हैसियत में है,

नैनीताल : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती आज देशभर में किसान दिवस के रूप में मनाई जा रही है। आजाद भारत में अगर किसी ने किसानों के हक-हकूक की बात की तो वो चौधरी साहेब ही थे। उन्‍हीं के संघर्षों का ही प्रतिफल है कि देश के किसानों को आज अपनी राजनीतिक हैसियत का अहसास है। तीन किसनों कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष इतिहास में दर्ज हो गया है, जिसे उत्‍तराखंड के तराई के किसानों ने भी धार दी थी। तो किसान दिवस और चुनावी साल के बहाने चालिए समझते हैं कि उत्‍तराखंड में किसानों की राजनीतिक हैसियत क्‍या है और कितनी सीटों को किसान वोटर प्रभावित करते हैं।

उत्‍तराखंड में किसान प्रभावी सीट

यूएसनगर जिले की रुद्रपुर में आंशिक प्रभाव को छोड़कर जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता, खटीमा वहीं नैनीताल जिले की तीन विधानसभा सीटों रामनगर, कालाढूंगी औ लालकुआं सीट को किसान वोटर प्रभावित करते हैं। हालांकि यहां पर किसान निर्णायक स्थिति में नहीं कहे जा सकते। वहीं बात करें हरिद्वार की तो ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, रुड़की, खानपुर, मंगलौर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण में किसान वोटर अच्‍छी भूमिका में हैं। जबकि देहरादून की डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर की सीटों पर भी किसानों का कुछ असर है।

किसान बहुल 19 सीटों में 15 पर खिला था कमल

उत्‍तराखंड के तीन मैदानी जिलों यूएसनगर, हरिद्वार और नैनीताल की 19 सीट ऐसी हैं जिनकी राजनीति काफी हद तक किसानों के मूड पर भी निर्भर करती है। इन सीटों पर किसान वोटर चुनावी समीकरण बनाने बिगाड़ने की हैसियत में होते हैं। बात करें पिछले विस चुनाव की तो यूएसनगर की सभी नौ सीटों में सिर्फ जसपुर की एक सीट कांग्रेस के हाथ लगी थी, जबकि अन्‍य सभी आठ सीटों पर कमल खिला था। वहीं नैनीताल की छह सीटों में पांच पर भाजपा ने बाजी मारी थी। सिर्फ हल्‍द्वानी की एक सीट कांग्रेस के हिस्‍से में आई थी। वहीं हरिद्वार जिले की ज्‍यादातार सीटों पर भाजपा की ही कब्‍जा था।

किसान आंदोलन ने बदला सियासी गणित

किसान आंदोलन के शुरू होने के बाद से मैदानी सीटों का राजनीतिक गणित बदलने लगा। किसान और सिख वोटर जिस प्रकार सत्‍ता के खिलाफ नजर आए, उससे कांग्रेस और आप को अपने लिए संभावनाएं नजर आने लगीं। दोनों ही दल किसानों के मुद्दे पर काफी मुखर हुए। किसानों की नाराजगी की वजह से अब तक बैकफुट पर रही भाजपा के लिए अब दोबारा से कुछ बेहतर माहौल नजर आ रहा है।

Read Article

Share Post

uttarakhand reporter

साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड: रक्तदान शिविर का आयोजन किया, भारतीय अटल सेना उत्तराखंड दुवारा,

Thu Dec 23 , 2021
रक्त दान शिविर में 30लोगों ने किया रक्त दानआज 23 दिसम्बर को अटल सेवा सप्ताह के अन्तर्गत भारतीय अटल सेना उत्तराखंड और गुरुद्वारा श्री सिंह सभा अरहत बाज़ार द्वारा संयुक्त रूप से एक रक्त्दान शिविर का आयोजन गुरू सिंह सभा अरहात बाज़ार मैं सुबह 11 बजे से किया गया श्रीमती […]

You May Like

Breaking News

advertisement