रिपोर्ट पदमाकर पाठक
संस्कारों के पक्षधर महा मानव थे।
सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता है मालवीय जी
आजमगढ़/ ब्राह्मण समाज कल्याण के तत्वावधान में महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय जी की जयन्ती शनिवार को सिधारी स्थित अनुपम वाटिका में में मनायी गयी ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मालवीय जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने कहा कि मालवीय जी संस्कारों के पक्षधर महा मानव थे ।मालवीय काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की स्थापना के माध्यम से छात्र के रूप में आधुनिक ऋषि उत्पन्न करना चाहते थे ।मालवीय जी एक युगद्रष्टा, महान शिक्षाविद, एवं इस युग के आदर्श पुरुष थे । श्री पाण्डेय ने कहा कि मालवीय जी बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे ।वह एक प्रखर वक्ता ,विद्वान अधिवक्ता, कुशल पत्रकार,महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,सफल राजनेता,एवं आधुनिक भारत के सबसे बड़ा समाज सुधारक तथा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में इस देश की अभूत पूर्व सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया ।
इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिवाकर तिवारी ने कहा कि मालवीय जी काशी नरेश से भूमि प्राप्त कर दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्व विद्यालय बनवाया जिसमे प्राचीन वेद शास्त्र एवं कर्म काण्ड की शिक्षा के साथ साथ अर्वाचीन ज्ञान विज्ञान की शिक्षा की व्यवस्था किया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने किया एवं अपने संबोधन के दौरान कहा कि मालवीय जी सच्चे अर्थों में भारत निर्माता तथा देश की प्रगति एवं उत्थान के लिए सर्वस्व त्याग एवं समर्पण की भावना के पोषक थे ।उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए त्रिपाठी ने कहा कि मालवीय जी का जन्म सन 1861 में पिता ब्रजनाथ एवं माता भुना देवी के साधारण परिवार में प्रयागराज में हुआ । मालवीय जी शिक्षा को मानव विकास का मूल मानते थे एवं उनके शैक्षिक विचार सर्वकालिक एवं चिर नवीन हैं । काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की स्थापना मालवीय जी की शिक्षा एवं साहित्य सेवा का अमिट शिलालेख है ।
इस अवसर पर संरक्षक तारकेश्वर मिश्र ,विश्व देव उपाध्याय,सतीश मिश्र, माधुरी दुबे,आनन्द उपाध्याय ,उमाकांत तिवारी ,रामाश्रय उपाध्याय,गंगा शंकर मिश्र ,आशुतोष द्विवेदी ,विष्णु दत्त मिश्र , कृपा शंकर पाठक ,अशोक पाण्डेय,निरुपमा पाठक,अनिता द्विवेदी,राजन पाण्डेय,अनिल चतुर्वेदी,ज्ञान मती, पदमाकर पाठक ,ई कैलाश चतुर्वेदी, राम केवल चतुर्वेदी, डॉ दया शकर त्रिपाठी, निशीथ रंजन तिवारी,विपिन कुमार गिरी,प्रशांत उपाध्याय, अरविंद मिश्र,भगवती प्रसाद उपाध्याय, विकास तिवारी,पदमाकर पाठक,नरेंद्र पाण्डेय,डॉ पार्थ सारथी दीक्षित,गिरीश दत्त मिश्र,मनोज कुमार तिवारी,मदन मोहन दुबे,अनिल कुमार पाण्डेय, शम्भू नाथ पाठक,शारद तिवारी, डॉ रत्नाकर पाण्डेय,विजय बहादुर दुबे,उपेन्द्र दत्त शुक्ला ,गिरिजा सुवन पाण्डेय,सुधीर दुबे, जय प्रकाश पाण्डेय,संतोष दुबे,आदि ब्राह्मण बन्धु उपस्थित थे ।