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मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट द्वारा थीम पार्क में 22 अक्तूबर से 1 नवंबर तक होगा लक्षचंडी महायज्ञ।
कुरूक्षेत्र,17 सितंबर :- मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट ऋषिकेश-हरिद्वार द्वारा वीरवार सांय लक्षचंडी महायज्ञ के निमित्त कार्यालय उदघाटन समारोह संपन्न हुआ। जानकारी देते हुए आयोजन समिति के प्रबंधक आशुतोष गोस्वामी और कुलदीप शर्मा गोल्डी ने बताया कि संरक्षक हरिओम जी महाराज के संरक्षण एवं महामंडलेश्वर डा. प्रेमानंद के मार्गदर्शन में थीम पार्क में 22 अक्तूबर से 1 नवंबर तक लक्षचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।इस अनुष्ठान के निमित्त गुजरात के उद्योगपति कपिल त्रिपाठी और युवा भाजपा नेता साहिल सुधा द्वारा मंत्रोचारण के साथ कार्यालय का उदघाटन किया गया।कार्यालय प्रभारी पंडित सतपाल द्विवेदी को बनाया गया है।इस कार्यालय में महायज्ञ को लेकर सभी तरह की जानकारी दी जाएगी।यज्ञ संरक्षक स्वामी हरिओम जी महाराज ने इस महायज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि गीतानगरी कुरूक्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता का संदेश देने एवं कोरोना जैसी महामारी के उन्मूलन हेतु यह दिव्य महायज्ञ करवाया जा रहा है। महायज्ञ को लेकर सभी तैयारियां आरम्भ हो चुकी हैं।प्रथम चरण में 20 सितंबर से 300 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू होगा। इसके साथ ही मुख्य यज्ञमंडप एवं 501 हवन कुंड बनने शुरू होंगे। द्वितीय चरण में लक्षचंडी महायज्ञ को लेकर प्रदेश स्तरीय जागृति यात्रा निकाली जाएगी। इसके पश्चात तृतीय चरण में 22 अक्तूबर से 1 नवंबर तक लक्षचंडी महायज्ञ चलेगा जिसमें देशभर से यजमान हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर लक्षचंडी महायज्ञ की व्यवस्था में जुटे कार्यकर्ता अशोक शर्मा, राजेश मौदगिल, राहुल तंवर एडवोकेट, देवेंद्र शर्मा, हरि प्रकाश शर्मा सोनीपत, संजीव धारू, कृष्ण दहिया सिसाना, राजीव सैनी, विजेंद्र सिंह, अनिल डागर, ईश्वर शामड़ी आदि शामिल रहे।
कुरूक्षेत्र में पहले भी हो चुका है 108 कुंडीय महायज्ञ।
संरक्षक हरिओम जी महाराज ने बताया कि मां मोक्षदायिनी गंगाधाम ट्रस्ट द्वारा धर्मनगरी के इसी थीम पार्क में 6 अप्रैल 2019 को 108 कुंडीय शिवशक्ति महायज्ञ किया गया था जिसमें 11 अप्रैल को सुबह 3 बजे शार्ट सर्किट से आग लग गई थी और यह यज्ञ खंडित हो गया था। महायज्ञ के संकल्प को पूरा करते हुए 3 जुलाई 2019 को पुनः इसी स्थान पर यह यज्ञ आरम्भ हुआ जोकि 10 जुलाई 2019 को निर्विघ्न संपन्न हुआ।