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कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या : हिल्डा सुका-माफुद्जे।
कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित व बचाव के लिए जरूरी : प्रोफेसर सोमनाथ।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने की प्रतिभागिता।
कुरुक्षेत्र, 20 जुलाई :- भारत सरकार नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा है कि भारत ने पेटेंट एवं वैक्सीन सम्बन्धी जानकारी दूसरे देशों के साथ सांझा कर विश्वभर को मानवता के कल्याण का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले टीकाकरण की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से पूरी तरह निपटने के लिए विश्व के गरीब देशों के लिए टीकों की समान पहुंच होनी आवश्यक है। वे सोमवार को देर सांय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, हावर्ड विश्वविद्यालय वाशिंगटन डीसी अमेरिका एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘अफ्रीका में टीकों की समान पहुंच के लिए महामारी से निपटने के लिए रणनीतियां’ विषय पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि जब तक प्रत्येक व्यक्ति इस महामारी से सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने विश्वभर के देशों से आह्वान किया कि वे ऐसे गरीब देश जिनके इस महामारी से लड़ने के लिए संसाधनों की पर्याप्त कमी है, उनके लिए आगे आएं। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। केन्या, वेनेजुएला, मंगोलिया, फिजी, मालदीव व इंडोनेशिया आदि देशों के लिए विकसित एवं विकासशील देशों ने मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में दक्षिण अफ्रका एवं भारत द्वारा शुरू किए गए पेटेंट फ्री वैक्सीनेशंस एंव मेडिशिन अभियान को वर्तमान में अमेरिका सहित 63 से अधिक देशों का समर्थन मिला है।
अफ्रीकन यूनियन एम्बेसडर टू यूएसए हिल्डा सुका-माफुद्जे ने कहा कि कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है इससे निपटने की आवश्यकता है। साउथ अफ्रीका महाद्वीप में कोरोना के 43 प्रतिशत केस पिछले दिनों में सामने आए हैं। जबकि वहां पर वैक्सीन की उपलब्धता केवल 2 प्रतिशत ही है। इस महामारी से निपटने के लिए सभी लोगों का टीकाकरण अति आवश्यक है साथ ही वैक्सीन की उत्पादक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सम्बंधी सूचना को सांझा करना वर्तमान समय की मांग है। अमेरिका सहित विश्व के 49 देश वैक्सीनेशन की मांग को पूरा करने के लिए आगे आए हैं। इस महामारी से बचने के लिए, संक्रमण को फैलाने से बचाने एवं समाप्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना होगा। टीकाकरण में तेजी लाने के लिए वैक्सीनेशन की उपलब्धता, सप्लाई चेन को दुरूस्त करना एवं सफल प्रबन्धन आवश्यक है।
तश्वाने यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नालॉजी के प्रो. डेविड आर कटेरे ने कहा कि अफ्रीका एक देश नहीं है बल्कि एक समूह है जिसमें लगभग 2000 के करीब भाषाएं बोली जाती हैं। यहां वैश्विक महामारी एक बड़ी चुनौती है। गर्म देश होने के कारण यहां वैक्सीन के रख-रखाव करने में भी कठिनाई है। स्वास्थ्य प्रणाली यहां काफी महंगी है। महामारी से निपटने के लिए लिए हमें शिक्षित व्यक्तियों की और कोविड डाटा प्रबंधन तकनीकी हस्तांतरण की आवश्यकता है। टीकाकरण अभियान में सामाजिक और भौगोलिक रूप से अंतिम पायदान या दूरदराज रहने वाले लोगों तक पहुंच बनाने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को नए सिरे से तय करने की ज़रूरत है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्व की 70 प्रतिशत से अधिक जनता को शीघ्र ही वैक्सीनेशन करने की आवश्यकता है। वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहे विश्व को कोविड टीका व अन्य औषधियों को पेटेंट मुक्त करने का अभियान अब गति पकड़ने लगा है। भारत व दक्षिण अफ्रीका द्वारा पेटेंट फ्री वैक्सीनेशन व मेडिसन अभियान में अब कई बड़े देश भी इसके समर्थन में उतर आए हैं। इस अति महत्वपूर्ण मांग के पूरा होने से कोविड से सम्बन्धित दवाओं को न केवल चंद कम्पनियों के एकाधिकार से मुक्ति मिलेगी बल्कि आम आदमी को ये दवाईयां सहज सुलभ होने के साथ ही सस्ती भी मिल सकेंगी।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने एक प्रतिभागी के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि कोरोना एक नई महामारी के रूप में बनकर उभरी है। भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। भारत में आज बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण अभियान में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी कोरोना की पहली व दूसरी डोज लगवा चुके हैं। यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है इसका कोई भी साईड इफेक्ट नहीं है।
हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के चैयरमैन प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि इस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। कई देशों के पास वैक्सीन का पर्याप्त भंडार है तो कई देशों के पास इनकी कमी है। हमें एक दूसरे का सहयोग कर इन जीवन रक्षक दवाईयों की पहुंच सभी तक करने की जरूरत है। मानवता सुरक्षित रहे यही हमारा प्रयास रहना चाहिए।
सीजीबीएस हावर्ड विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर प्रो. नरेन्द्र रूस्तागी ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस इस समय खतरनाक रूप में है। कोरोना वायरस के केसों में कमी आई है लेकिन दिन प्रतिदिन इसके नए रूप सामने आ रहे हैं। कोरोना वैश्विक महामारी ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से समाज को प्रभावित किया है। कोई भी व्यक्ति इससे अछूता नही है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सचिव प्रो. पंकज मित्तल ने कहा कि गरीब देशों में 90 प्रतिशत जनसंख्या अभी तक कोरोना वैक्सीन की पहुंच से दूर हैं जबकि विकसित देशों में कोरोना वैक्सीन लगने का लक्ष्य पूरा हो चुका है। भारत में भी 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी सभी को वैक्सीन मिलेगी उतनी जल्दी सभी इस महामारी से सुरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर इस अभियान में भाग लेकर टीकाकरण को समान गति से चलाने की आश्यकता है ताकि इस महामारी से बचा जा सके। उन्होंने यूनिवर्सल एक्सेस वैक्सीनेशन एंड मेडिसन अभियान की सराहना की।
इस ऑनलाईन कार्यक्रम में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के कुलपति एवं यूनिवर्सल अक्सेस आफ वैक्सीनेशन एंड मेडिसन के प्रमुख प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, सीबीएलयू के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल, प्रो. विजय कौल, डॉ. हार्वे, आर सुदंरम, कश्मीरी लाल, सतीश कुमार सहित काफी संख्या में प्रतिभागी ऑनलाईन जुडे रहे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, स्वदेशी शोध संस्थान, यूएवीएम अभियान, अफ्रीका इकोनोमिक लीडरशिप कांउसिल, सीबीएलयू, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, टीशाने यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नालॉजी की अहम् भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नो पर चर्चा भी की गई।