भारत मानव संस्कारों की पावन धरा है जिसमें राष्ट्र धर्म की भावना निहित है : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 74 वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कुलपति ने ली परेड की सलामी।
कुवि के यूटीडी, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज, संगीत एवं नृत्य विभाग व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने देशभक्ति भरे गीत गाकर एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर देश के महान शहीदों को किया याद।
कुरुक्षेत्र, 26 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रांगण में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 74 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय प्रांगण में गुरुवार को राष्ट्र ध्वज फहराया तथा एनसीसी व एनएसएस कैडेटों की भव्य परेड की सलामी ली। इस मौके पर यूटीडी, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज, संगीत एवं नृत्य विभाग व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने देशभक्ति भरे गीत गाकर एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर देश के महान शहीदों को याद किया।
गणतंत्र दिवस के मौके पर कुलपति ने कहा कि 74 वें गणतंत्र दिवस पर्व व बसंत पंचमी त्योहार की सभी को बधाई देते हुए कहा कि 26 जनवरी को ही 1930 में लाहौर में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की घोषणा हुई थी। 26 जनवरी 1950 को पूर्ण स्वराज का संकल्प पूरा हुआ जिसके लिए हम सभी हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों, महापुरुषों व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के ऋणी रहेंगे। देश की आजादी के लिए वीर जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। हमारे वीर सैनिक इस देश की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिकूल व विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं पर डटे रहते हैं। इसी कारण समस्त भारतवासी इस गणतांत्रिक राष्ट्र में आजादी से जी रहे हैं।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दो किसान की कहानी का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत मानव संस्कारों की पावन धरा है जिसमें राष्ट्र धर्म की भावना निहित है। उन्होंने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बेनाम 21 स्थलों का नाम भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परमवीर विजेताओं के नाम पर रखे गए है। हाल ही में स्वाधीनता एवं जुल्म के प्रतीक अंग्रेजों के नाम से तीन द्वीपों का नाम भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, स्वराज एवं शहीद द्वीप रखा गया है। उन्होंने कहा कि आजादी से मुक्ति मिलने के बाद भी हमें ऐसे प्रतीकों की मानसिकता से भी छुटकारा पाना है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि गणतंत्र दिवस का पर्व आत्म निरीक्षण करने का समय है। पूर्व में विश्व की जीडीपी में भारत का शेयर 30 प्रतिशत था जो कि यूरोप, चीन तथा अन्य देशों से कहीं अधिक था। विश्व गुरु बनने के लिए भारत न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक, राजनैतिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत 37 करोड़ युवा के साथ विश्व की सबसे बड़ी ताकत है। आने वाले समय में भारत का लक्ष्य पूर्णतया आत्मनिर्भर, गरीबीमुक्त व पूर्ण रोजगारयुक्त बनना होगा। हम सभी युवा शक्ति को उद्यमिता व स्वरोजगार के लिए तैयार करके गरीबीमुक्त भारत का निर्माण करेंगे। आज सूचना तकनीकी की प्रमुख विदेशी कंपनियों में भारतीय सीईओ प्रमुख है। लगभग 75 हजार से अधिक स्टार्टअप व 110 यूनिकॉर्न के साथ भारत विश्व के दूसरे पायदान है। भारत के किसान, जवान, वैज्ञानिकों तथा शिक्षकों ने अपनी मेहनत व लगन से अपने कर्तव्यों को निर्वहन करते हुए सर्वश्रेष्ठ भारत निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए समर्पित निःशुल्क गोल्फ कार्ट (इलेक्ट्रिक वाहन) की सवारी सेवा को शुरू किया है। इसके साथ ही दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय के जेएलएन पुस्तकालय में ब्रेल्स पुस्तिका, भूतल पर आवास देने सहित विभागों एवं कार्यालयों में उनके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में युवाओं को आत्मनिर्भर एवं रोजगार के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर, स्टार्टअप, रोजगार सृजन केन्द्र, सेंटर फार ट्रेनिंग, इंटर्नशिप तथा एम्प्लॉयमेंट सैल का गठन किया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 14 ऑनलाईन प्रोग्रॉम्स शुरू किए गए हैं जिसमें विदेशी विद्यार्थियों ने ऑनलाइन कोर्सिज में पंजीकरण किया है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि अब तक केयू द्वारा 53 पेटेंट एप्लीकेशंस दर्ज किए जा चुके हैं और हमारी योजना अधिक से अधिक पेटेंट दर्ज करने की है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कुवि कैम्पस के यूजी प्रोग्राम्स में पूर्णतया लागू कर दिया है और इसके साथ ही अगले शैक्षणिक सत्र से एनईपी को विश्वविद्यालय से सम्बन्धित सभी कॉलेजों के यूजी प्रोग्राम्स में लागू किया जाएगा। हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुसार और कुवि कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय के कुशल मार्गदर्शन में साल 2025 तक कुवि अपने सभी पीजी प्रोग्राम्स में एनईपी को लागू करने के लिए तैयार है। कुवि अपने शिक्षकों व एवं गैर-शिक्षक कर्मचारियों की पदोन्नति नियमानुसार की जा रही है। विश्वविद्यालय के पास सशक्त एल्यूमनी है जो यूनिवर्सिटी के स्तर को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है।
शिक्षा के साथ खेल के क्षेत्र में भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी में तीसरा स्थान हासिल करना विश्वविद्यालय के लिए बड़े ही गौरव की बात है तथा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स प्रतियोगिताओं में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने सातवें स्थान पर पहुँच कर विश्वविद्यालय का नाम गर्व से ऊंचा किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि हमें वह परिवर्तन खुद बनना चाहिए, जिसे हम संसार में देखना चाहते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर ही हम भारत को दुनिया की बेहतर सभ्यता बना सकते हैं।
इस मौके पर डॉ. ममता सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रो. मंजूला चौधरी, प्रॉक्टर प्रो. सुनील ढींगरा, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. अनिल वोहरा, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह, संकाय अधिष्ठाता, संस्थानों के निदेशक, विभागाध्यक्ष, कुटा अध्यक्ष डॉ. आनन्द, सचिव डॉ. जितेन्द्र खटकड़, आईआईएचएस के प्राचार्य व स्कूल प्रधानाचार्य, अधिकारीगण, शिक्षकगण, कुंटिया पदाधिकारी, गैर-शिक्षक कर्मचारी व विश्वविद्यालय के छात्र मौजूद रहे।