हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- देश में सभी सुविधाओं को डिजिटलीकरण के जरिए आम नागरिकों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे न केवल सभी कार्य समय पर हो रहे हैं बल्कि ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं नागरिकों तक पहुंच भी रही हैं। इसी दिशा में भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी रिकार्ड को डिजिटल करने के साथ-साथ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (आईएसएम) से जुड़े देश के सभी पेथी के डॉक्टरों का पंजीकरण अभियान चलाया है। ताकि देश का हर नागरिक विशेषज्ञ डॉक्टरों से संचार के नए माध्यमों द्वारा सीधा संवाद स्थापित कर सके। ये बाते एथिक्स और पंजीकरण बोर्ड भारतीय चिकित्सा प्रणाली के अध्यक्ष प्रो. वैद्य राकेश शर्मा ने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के सभागार कक्ष में श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज के चिकित्सकों, नीमा के सदस्य और जींद आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉक्टरों को सम्बोधित करते हुए कही।
वैद्य राकेश शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए इस पेथी से जुड़े हर डॉक्टर को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आयुष्मान भारत डिडिटल मिशन के तहत अपना पंजीकरण अवश्य कराना चाहिए। एबीडीएम का उद्देश्य डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को देश में विकसित करना व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक से अधिक दक्षता लाना, प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ाना है। ताकि देश के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति विशेषज्ञ डॉक्टरों से स्वास्थ्य परामर्श ले सके साथ ही रोगी को बेहतर चिकित्सा मिले। उन्होंने कहा कि डॉक्टर द्वारा अपना पंजीकरण कराने पर उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंच पर सत्यापित किया जाएगा। जिसका उपयोग भविष्य में किसी भी डिजिटल एप पर रोगी द्वारा अपने रोग से संबंधित जानकारी लेने के लिए किया जाएगा। इसके साथ संचार के विभिन्न साधन जैसे मोबाइल फोन, टेक्स मैसेज, वाट्सएप, ईमेल आदी के जरिए भी चिकित्सक और रोगी को आपस में जोड़ना इस अभियान का एक उद्देश्य है। टेलीकम्यूनिकेशन एक वर्तमान में एक ऐसा माध्यम है जिससे तुरंत और स्फूर्त लाभ नागरिक उठा सकते हैं।