2040 तक भारत अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा : इसरो पूर्व अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ एस

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
चंद्रयान थ्री की लैंडिंग से स्पेस क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश बना भारत
अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का भविष्य उज्ज्वल : डॉ. सोमनाथ एस।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने बढ़ाया भारत का गौरव : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
केयू फैकल्टी लॉज में इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने दिया विशेष व्याख्यान।
कुरुक्षेत्र, 18 फरवरी : इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने बतौर मुख्यातिथि केयू फैकल्टी लॉज में विभिन्न संकायों के सदस्य, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2040 तक भारत अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान थ्री की लैंडिंग से स्पेस क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश बनेगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का भविष्य उज्ज्वल है। आज भारतीय वैज्ञानिक पीएसएलवी, जीएसएलवी, एलवीएमथ्री व एसएसएलवी रॉकेट एवं उपग्रह निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत 2047 तक भारतीय अंतरिक्ष विजन को प्राप्त करेगा। इसके साथ ही उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास, लक्ष्यों एवं भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने विज्ञान, इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर इस क्षेत्र में देश में विकसित कर पूर्ण सफलता प्राप्त की। वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस इसरो के विभिन्न मिशन चंद्रयान-4 जिसमें चंद्रमा पर जाकर सैम्पल लेकर वापस धरती पर आने तथा चंद्रयान-5 में मानव मिशन में चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट के लैंडिंग, अंतरिक्ष स्टेशन, स्पेस डॉकिंग के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने सेटेलाइट व स्पेस प्रोग्राम के कम्युनिकेशन, नेविगेशन, इन्वायरमेंट, क्लाइमेट चेंज, मरिन फिशिंग वैस्सल में उपयोगिता व स्टार्टअप क्षेत्र में युवाओं के भविष्य के बारे में बताया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर प्रश्न पूछे जिनका प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने उत्तर दिया।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान तीन में उनके अहम योगदान से भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई पहचान मिली है। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस के अंतरिक्ष विज्ञान में महान योगदान के लिए उन्हें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से वर्ष 2021-22 के लिए गोयल पीस प्राइज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को यह अवार्ड प्रदान करता है। इसके साथ ही युवा वैज्ञानिकों के लिए भी केयू गोयल पुरस्कार समिति द्वारा राजीब गोयल युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया जाता है। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
गोयल पुरस्कार समिति की सदस्य प्रो. अनीता भटनागर ने गोयल पुरस्कार के बारे में विस्तृत रूप से बताया। मंच का संचालन डॉ. संगीता सैनी ने किया। इस अवसर पर केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, डॉ. गोयल पुरस्कार के सह अध्यक्ष प्रो. एसपी सिंह, प्रो. हरि सिंह, प्रो. एनके माटा, संयोजक एवं डीन लाइफ साइंस प्रो. संजीव अरोड़ा, प्रो. भगवान सिंह चौधरी, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. जसबीर ढांडा, प्रो. ओमवीर सिंह, प्रो. मुकेश कुमार, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, उपनिदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. दीपक राय बब्बर सहित गोयल पुरस्कार समिति के सभी सदस्य एवं कुवि के विज्ञान संकाय शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।