ऑस्ट्रेलिया में भी भारतीयों ने मनाया महाशिवरात्रि पर्व, शिव को प्रसन्न करने के लिए की पूजा अर्चना।
मुख्य संवाददाता, मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया – विनायक कौशिक।
छाया – शिवांगी तिवारी।
ऑस्ट्रेलिया मेलबोर्न 12 मार्च :- ऑस्ट्रेलिया में भी भारतीयों ने महाशिवरात्रि पर्व पर भोलेनाथ को पर्सन करने के लिए अपने घरों व मन्दिरों में भी पूजा अर्चना की। भगवान शिव को चिकित्सकों का चिकित्सक कहा जाता है जो प्रसन्न होने पर अपने भगत्तों के कष्टों का निवारण करते है व निरोगी भी रखते है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन पहला शिवलिंग प्रकट हुआ था. साथ ही महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने कालकूट नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था, जो समुद्र मंथन के समयन बाहर आया था।
इस साल यह शुभ व्रत 11 मार्च बृहस्पतिवार को मनाया गया। इस दिन व्रत रखने से भगवान भोले नाथ शीघ्र प्रसन्न होकर उपवासक की मनोकामना पूरी करते हैं। इस व्रत को सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा, बुजुर्ग करते हैं।
इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने पर और शिवपूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व “ऊं नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं. व्रत के दूसरे दिन यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणा दिया जाता है।
इस व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है. प्रत्येक पहर की पूजा में “ऊं नम: शिवाय” व ” शिवाय नम:” का जाप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जाप करना संभव न हों, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जाप किया जा सकता हैं. चारों पहर में किये जाने वाले इन मंत्र जापों से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। उपावस के दौरान रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते है।
आज ऑस्ट्रेलिया में भी भारतीयों ने अपने घरों में व शिव मन्दिरों में जाकर शिव पूजा कर भोलेनाथ से आलौकिक ऊर्जा शक्ति आशीर्वाद प्राप्त किया।