अच्छे दिन के सपने दिखाकर जनता पर पड़ी महंगाई की मार, अपने हर वादे पर नाकाम रही सरकार-इंदिरा हृदयेश

अच्छे दिन के सपने दिखाकर जनता पर पड़ी महंगाई की मार, अपने हर वादे पर नाकाम रही सरकार-इंदिरा हृदयेश
हल्द्वानी से अंकुर
9917334139

भारतीय जनता पार्टी ने देश के लोगों को जिस प्रकार से अपने चुनावों में अपने कार्यों को करने के चुनावी भाषण दिए थे और साथी जिस प्रकार ने भारतीय जनता पार्टी के ऊपर आम जनता ने अपना भरोसा दिखाया उसके विपरीत ही भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रकार से केंद्र हो या राज्य के लिए काम किया है जिसका कोई हिसाब लगाया नहीं हो सकता क्योंकि बात की जय उत्तराखंड की तो उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने जिस प्रकार से अपने चुनावी वादों को लेकर काफी बड़ी बड़ी बातें की थी उसके विपरीत काम किया है और केंद्र ने जिस प्रकार से भारत की भोली-भाली आम जनता को अच्छे वाले और अच्छे दिनों के सपने दिखा कर अपनी राजनीति चमका ली इससे ज्यादा भाजपा के लिए अच्छे दिन और कहां से आएंगे क्योंकि जहां पर धीरे-धीरे आम जनता के ऊपर महंगाई की मार पड़ती जा रही है और देश में रोजगार की कमी और बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है ऐसे में तो कहा जा सकता है कि भाजपा के अच्छे दिन आए आम जनता के नहीं आपको बता दें कि आज हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भाजपा सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए कहा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के कारण आम आदमी का जीवनयापन करना मुश्किल होता जा रहा है।

प्रदेश में पेट्रोल की कीमत लगभग 90 रू0 एवं डीजल की कीमत लगभग 80 रू0 प्रतिलीटर तक पहुंच गई है और फरवरी के महीने के अंदर ही पन्द्रह बार पेट्रोल-डीजल की दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है। हमारे पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में डीजल एवं पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा है। सरकार पेट्रोल एवं डीजल की मूल्य वृद्धि रोकने में विफल साबित हुयी है। पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के कारण खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमते भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। खाद्य तेल के दाम भी 150 रू0 प्रतिलीटर से अधिक हो चुके है वहीं प्याज के दाम भी 50 रू0 प्रति किलो से अधिक हो गये है। रसोई गैस सिलेण्डर में पूर्व में जारी सब्सिडी को लगभग समाप्त कर दिया गया है। फरवरी 2020 में उपभोक्ताओं को 309.57 रू0 गैस सब्सिडी मिलती थी जो अब 18 रू0 रह गयी है। वर्ष 2021 में 57 दिन के अन्दर रसोई गैस के दाम 150 रू0 प्रति सिलेण्डर बढ़ा दिये गये है, जिस कारण रसोई गैस सिलेण्डर के दाम 814 रू0 प्रति सिलेण्डर से अधिक हो गये है। वर्ष 2014 में रसोई गैस सिलेण्डर की कीमत 414 रू0 थी, जो बढ़कर लगभग दोगुनी हो गयी है। भारत सरकार की उज्जवला योजना के जनपद में 30 हजार लाभार्थियों में से 15 हजार से अधिक लोगों ने महंगाई के कारण सिलेण्डर भरवाना बन्द कर दिया है जोकि इस योजना की विफलता को दर्शाता है।

जहां सरकार अपने बड़े बड़े चुनावी भाषणों भोली भाली जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाकर और महंगाई से उन्हें निजात दिलाने की बात बोल कर उन्हें उल्टा और महंगाई के दलदल में डूबाती जा रही है और जहां सरकार ने कहा था कि हम अपने देश मे उज्जवला योजना को लागू करने के बाद हर एक घर को गैस सिलेंडर और सब्सिडी देंगे पर लेकिन आज वह सब्सिडी आम जनता को क्या मिल पा रही है जहां भोली भाली जनता को गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लालच देकर हर घर मैं गैस सिलेंडर दिए आज उन्हीं गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं जहां सरकार ने पहले तो आम जनता के चेहरे पर उज्ज्वला योजना की शुरुआत कर खुशियां लारिया चुनी खुशियों का गला घोट ते हुए सरकार खुद नजर आ रही है कि जिस प्रकार से गैस सिलेंडरों के दामों में बढ़ोतरी होती जा रही है ऐसे में तो लोग अपने घरों में गैस भरवाने में असमर्थ साबित हो जाएंगे और सरकार ने रोडवेज के किराये में लगातार वृद्धि से गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों का यात्रा करना मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि जिस प्रकार से सरकार के द्वारा रोडवेज की किराया बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में आम आदमी इन बसों के खर्चे को कैसे बर्दाश्त कर पाएगा क्योंकि वैसे ही बेरोजगारी की मार और ऊपर से बढ़ती महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ दी जा रही है और ऊपर से जहां एक उसे थोड़ा आराम था यात्रा को लेकर वहां पर सरकार ने उसकी दुखती रग को और दुखा दिया है और सरकार की विफल नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई से आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। और इसी में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के ऊपर आगे कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या दिन पर दिन विकराल रूप लेते जा रही है।

लगभग 1 करोड़ की जनसंख्या वाले प्रदेश में 15 लाख से भी अधिक युवा बेरोजगार है तथा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्ष 2017 में जारी घोषणा पत्र में 6 माह के भीतर रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की घोषणा की थी, परन्तु 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुयी है। विभिन्न विभागों में रिक्तियां उपलब्ध होने के बाद भी सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु कोई प्रयास नहीं किया गया है। उपनल के द्वारा आउटसोर्सिंग के तहत विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 21 हजार से अधिक युवा अपने भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है। और जहां सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाते नहीं सकती है क्या धरातल पर सरकार ने उसी प्रकार से उपलब्धियां हासिल किए सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए अपने ऊपर कितने करोड़ रुपए खर्च कर देती है इसका कोई अनुमान लगाया नहीं जाता लेकिन धरातल पर क्या वह कार्य हकीकत में हुआ है और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बढ़ती महंगाई तथा बेरोजगारी की विकराल समस्याओं पर सरकार की विफलता पर जनता की आवाज बनकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं रखेगी और भाजपा सरकार से उनके घोषणा पत्र में किये गये खोखले वादों का हिसाब मांगा जायेगा। और जिस प्रकार से तेल के बढ़ते दाम आसमान छूते जा रहे हैं कुछ आंकड़े हमारे देश और पड़ोसी देश के इस प्रकार से सामने हैं

भारत एवं पड़ोसी देशों में डीजल-पेट्रोल का मूल्य/प्रति लीटर

डीजल रू0 प्रति लीटर पेट्रोल रू0 प्रति लीटर
भारत – 81.40 भारत – 89.14
चीन – 67 चीन – 77
भूटान – 59 भूटान – 61
नेपाल – 58 नेपाल – 69
बांग्लादेश – 55 बांग्लादेश – 76
पाकिस्तान – 53 पाकिस्तान – 51
इण्डोनेशिया – 50 इण्डोनेशिया – 46
अफगानिस्तान – 46 अफगानिस्तान – 43
बर्मा – 44 बर्मा – 49
श्रीलंका – 39 श्रीलंका – 60

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