चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में गलत इंजेक्शन लगने से गई मासूम की जान, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप।
आज़मगढ़। स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों की एक बाढ़ सी आ गई है कुकुर मोत्तो की तरह उगे यह अस्पताल जीवन रक्षक कम भक्षक ज्यादा साबित हो रहे अभी चंद दिन पहले इसी तरह के दो अस्पतालों द्वारा दो मासूमों की जान ली जा चुकी है। मामला पुलिस तक भी पहुंचा परंतु अपनी ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर इन अस्पतालों के संचालक बच निकलते है ।इन अस्पतालों में बहुत से संचालक ऐसे भी है जो सरकारी नौकरी करते हैं।
नान प्रैक्टिस अलाउंस भी लेते हैं और सरकार की नजरों में धूल झोंक कर प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते है अगर सरकार तथा विभाग जांच कराए तो इन प्राइवेट अस्पतालों में आधे सेअधिक ऐसे अस्पताल निकलेंगे जो सरकारी मानकों पर पूरे नहीं होंगे यह दीगर बात है कि इन अस्पतालों के दलाल पूरे क्षेत्र में फैले हुए हैं। यहां तक की सरकारी अस्पताल में भी इनके दलाल घूमा करते हैं जो मरीजों को फसाकर इन अस्पतालों तक पहुंचाते ऐसे ही अस्पतालों की धन लिप्सा का शिकार करन यादव पुत्र श्री सुक्खू यादव ग्राम रोशन गंज थाना रौनापार का निवासी का पुत्र कृष्णा हो गया।
प्रार्थी ने अपने बच्चे कृष्णा उम्र लगभग ढाई माह को हल्का बुखार आने पर वह उसे लेकर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल करतारपुर बायपास रोड मुनरा सराय होटल रॉयल सिटी के बगल में दिनांक 18 /09/ 2021 को भर्ती किया था। जिसका दवा इलाज और उपचार चल रहा था दिनांक 20/ 09 /2021 को डिस्चार्ज करने से पहले प्रार्थी से धन उगाही के लिए लड़के को खतरे में डालने के लिए जानबूझकर इन्जेक्शन लगा दिया।
प्रार्थी के अनुसार चिल्ड्रन हॉस्पिटल करतारपुर बायपास रोड में कृष्णा को स्टाफ के द्वारा इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी और अंततः वह मौत के गाल में चला गया। कृष्णा के परिजनों द्वारा फिलहाल आज़मगढ़ थाने में प्रथम सूचना अंकित कराई गई है। परिजनों द्वारा डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया गया है। पुलिस द्वार शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
अस्पताल पूरी तरह खुला हुआ था जब इस मामले को लेकर चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टर वहां के स्टाफ से पूछा गया तो उनका भी जवाब गोलमोल ही था। हालांकि यह सर्वविदित है कि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं देर सवेर आज़मगढ़ पुलिस मामले तक पहुंच ही जाएगी। परंतु सवाल यह उठता है की इन प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा आए दिन किया जाने वाला मौत का तांडव कब बंद होगा। अधिकारियों की कब कुंभकरणी नींद खुलेगी, कब इन अस्पतालों की जांच होगी, मानक विहीन अस्पतालों को कब बंद कराया जाएगा।
अस्पतालों के बाहर लगे बोर्डों पर जिन डॉक्टरों के नाम अंकित है क्या वह इन अस्पतालों में आते हैं, इसकी जांच कब होगी। कुछ नर्सिंग होम ऐसे भी हैं जिनमें डॉ. है नहीं अनट्रेंड नर्स अथवा आया ही अस्पताल चला रही है, इसकी जांच कब होगी। विगत 1 सप्ताह पूर्व महिला मण्डलीय अस्पताल भी प्रसव के समय गलत चीरा लगा देने के कारण एक महिला की मौत हो चुकी है। यह दीगर बात है कि वह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा और मामला रफा-दफा हो गया। क्षेत्रीय जनता की मांग है की सघन अभियान चलाकर इन मानक विहीन अस्पतालों को बंद कराते हुए इनके संचालकों पर आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- आज़मगढ़। स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों की एक बाढ़ सी आ गई है कुकुर मोत्तो की तरह उगे यह अस्पताल जीवन रक्षक कम भक्षक ज्यादा साबित हो रहे अभी चंद दिन पहले इसी तरह के दो अस्पतालों द्वारा दो मासूमों की जान ली जा चुकी है। मामला पुलिस तक भी पहुंचा परंतु अपनी ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर इन अस्पतालों के संचालक बच निकलते है ।इन अस्पतालों में बहुत से संचालक ऐसे भी है जो सरकारी नौकरी करते हैं।
नान प्रैक्टिस अलाउंस भी लेते हैं और सरकार की नजरों में धूल झोंक कर प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते है अगर सरकार तथा विभाग जांच कराए तो इन प्राइवेट अस्पतालों में आधे सेअधिक ऐसे अस्पताल निकलेंगे जो सरकारी मानकों पर पूरे नहीं होंगे यह दीगर बात है कि इन अस्पतालों के दलाल पूरे क्षेत्र में फैले हुए हैं। यहां तक की सरकारी अस्पताल में भी इनके दलाल घूमा करते हैं जो मरीजों को फसाकर इन अस्पतालों तक पहुंचाते ऐसे ही अस्पतालों की धन लिप्सा का शिकार करन यादव पुत्र श्री सुक्खू यादव ग्राम रोशन गंज थाना रौनापार का निवासी का पुत्र कृष्णा हो गया।

प्रार्थी ने अपने बच्चे कृष्णा उम्र लगभग ढाई माह को हल्का बुखार आने पर वह उसे लेकर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल करतारपुर बायपास रोड मुनरा सराय होटल रॉयल सिटी के बगल में दिनांक 18 /09/ 2021 को भर्ती किया था। जिसका दवा इलाज और उपचार चल रहा था दिनांक 20/ 09 /2021 को डिस्चार्ज करने से पहले प्रार्थी से धन उगाही के लिए लड़के को खतरे में डालने के लिए जानबूझकर इन्जेक्शन लगा दिया।
प्रार्थी के अनुसार चिल्ड्रन हॉस्पिटल करतारपुर बायपास रोड में कृष्णा को स्टाफ के द्वारा इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी और अंततः वह मौत के गाल में चला गया। कृष्णा के परिजनों द्वारा फिलहाल आज़मगढ़ थाने में प्रथम सूचना अंकित कराई गई है। परिजनों द्वारा डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप लगाया गया है। पुलिस द्वार शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
अस्पताल पूरी तरह खुला हुआ था जब इस मामले को लेकर चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टर वहां के स्टाफ से पूछा गया तो उनका भी जवाब गोलमोल ही था। हालांकि यह सर्वविदित है कि कानून के हाथ बहुत लंबे हैं देर सवेर आज़मगढ़ पुलिस मामले तक पहुंच ही जाएगी। परंतु सवाल यह उठता है की इन प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा आए दिन किया जाने वाला मौत का तांडव कब बंद होगा। अधिकारियों की कब कुंभकरणी नींद खुलेगी, कब इन अस्पतालों की जांच होगी, मानक विहीन अस्पतालों को कब बंद कराया जाएगा।
अस्पतालों के बाहर लगे बोर्डों पर जिन डॉक्टरों के नाम अंकित है क्या वह इन अस्पतालों में आते हैं, इसकी जांच कब होगी। कुछ नर्सिंग होम ऐसे भी हैं जिनमें डॉ. है नहीं अनट्रेंड नर्स अथवा आया ही अस्पताल चला रही है, इसकी जांच कब होगी। विगत 1 सप्ताह पूर्व महिला मण्डलीय अस्पताल भी प्रसव के समय गलत चीरा लगा देने के कारण एक महिला की मौत हो चुकी है। यह दीगर बात है कि वह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा और मामला रफा-दफा हो गया। क्षेत्रीय जनता की मांग है की सघन अभियान चलाकर इन मानक विहीन अस्पतालों को बंद कराते हुए इनके संचालकों पर आवश्यक कार्यवाही की जाए।