रिपोर्ट पदमाकर पाठक
वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल पर अंतरराष्ट्रीय संत बालयोगी संजय महाराज का हुआ आगमन।
आजमगढ़।सर्वप्रथम महराज के आगमन पर वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल परिसर में फूल मालाओं के साथ ही मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया गया तत्पश्चात अन्तर्राष्ट्रीय संत बालयोगी शिव पुराण कथा वाचक संजय महाराज ने वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल पर अपने सम्बोधन में सीता के चरित्र का वर्णन करते हुवे कहाकि यदि पुत्र अच्छा होता हैं तो एक कुल को बढ़ाता है और यदि पुत्री अच्छा होती हैं तो वो दो कुलो को पवित्र करती हैं। महराज जी ने नारियों की शिक्षा और उनके योगदान को परिवार व समाज में बताते हुवे कहाकि नारी घर पर प्रथम शिक्षक होती हैं जो बच्चे के अन्दर एक स्वस्थ और सभ्य समाज के बारे में सिखाती है। इसलिए नारियों का शिक्षित होना अति आवश्यक है जिससे परिवार और समाज दोनों शिक्षित और संस्कारित हो सके। स्वर्ग की परिकल्पना के बारे में बताया कि माता पिता के पैरों की धूल अपने माथे पर लगाकर देखें इसकी सुगंध इसकी महक तुलसी, चन्दन, शितलज आदि से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और यही वास्तव में स्वर्ग हैं। उन्होंने आगे कहाकि वो सबसे भाग्यवान होता हैं जो अपने माता पिता की आज्ञा का अनुरागी होता हैं। महराज ने बच्चों के अन्दर शिक्षा के साथ संस्कार देने पर जोर देते हुवे कहाकि यदि बच्चे संस्कारित होंगे तभी परिवार और समाज दोनों का समुचित विकास सम्भव है।अंतरराष्ट्रीय संत बालयोगी संजय महाराज, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे इसके साथ ही 21 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय उपाधि 22 वर्ष की उम्र में मानस संत सहित विभिन्न उपाधियों से विभूषित तथा सर्वश्रेष्ठ उपाधि पदम विभूषण के लिये प्रस्तावित हैं। कार्यक्रम के अन्त में महाराज ने उपस्थित लोगों को आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद वितरित किया तथा संस्था के प्रबंध निदेशक शिव गोविन्द सिंह ने अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर विद्यालय परिवार के साथ ही अरविन्द कुमार सिंह संरक्षक, बृजेन्द्र पाण्डेय, डॉ सुरेंद्र चौबे, अखिलेश सिंह, अजीत सिंह, बेबी सिंह, शारदा सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।