टीबी के लक्षण व रोकथाम के लिए जांच एवं जागरूकता अभियान
- लोगों को टीबी से सतर्क रहने की मिली जानकारी
- 2025 तक भारत को बनाया जाएगा टीबी मुक्त देश
- स्वास्थ्य केंद्रों में हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज की है सुविधा
पूर्णिया संवाददाता
क्षय रोग जिसे हम आम तौर पर टीबी कहते हैं माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु जो की ज्यादातर हमारे फेफडों पर असर करते हैं की वजह से होती है। भारत में हर साल लाखों लोग इस रोग का शिकार होते हैं। बिहार सरकार द्वारा टीबी की रोकथाम के लिए ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन राज्य के अलग अलग हिस्सों में हो रहा है। जिसके अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति, केएचपीटी एवं केयर इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में पूर्णिया जिले के बनबनखी प्रखंड में निःशुल्क जांच शिविर, निक्षय शपथ ग्रहण समारोह एवं जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान क्षेत्र के लोगों को टीबी को लेकर जानकारी भी दी गई। टीबी जागरूकता कार्यक्रम में एसटीएस धीरज और केएचपीटी के सामुदायिक समन्वयक सोमनाथ झा, एसटीएलएस दिलीप, किरण (आशा), फुल कुमारी (एएनएम) ने ग्रामीणों को टीबी जैसी गम्भीर बीमारी की रोकथाम और उसका सरकार द्वारा निःशुल्क जांच एवं उपचार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई।
टीबी मुक्त समाज बनाने का लिया संकल्प :
जिले के बनबनखी प्रखंड के काजी पंचायत में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को अपने जीवन काल में समाज से टीबी रोग समाप्त करने की भी शपथ दिलाई गई। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने लोगों को टीबी रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए उससे बचाव के लिए ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी दी। लोगों को बताया गया कि लोगों की सावधानी एवं सतर्कता बरतने से यह रोग अवश्य ही हमारे समाज से जल्द ही दूर हो जाएगा और हमारा समाज जल्द ही क्षय रोग मुक्त हो जाएगा।
2025 तक भारत को बनाया जाएगा टीबी मुक्त देश :
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। टीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्वाभाविक रूप से आघात पहुंचा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग के द्वारा टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों तक लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा रही है।
स्वास्थ्य केंद्रों में हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज की है सुविधा :
जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ लोगों को नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क दवा भी दी जाती है जो टीबी के मरीजों को सुलभ सहायता मिल सके। सरकार द्वारा देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है ।सरकार द्वारा इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना