बिहार:जिले में मनाया जा रहा आयोडिन अल्पता बचाव सप्ताह

जिले में मनाया जा रहा आयोडिन अल्पता बचाव सप्ताह

  • लोगों को आयोडिन की उपयोगिता व जरूरत की दी जा रही जानकारी
  • आयोडिन की कमी है कमजोर मस्तिष्क व घेघा रोग जैसे बीमारियों का कारण
  • ताजे पदार्थों का सेवन आवश्यक

पूर्णिया संवाददाता

जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में 21 से 28 अक्टूबर तक को आयोडिन अल्पता बचाव सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान सभी अस्पतालों में आयोडिन अल्पता सप्ताह सम्बंधि बैनर व होर्डिंग्स लगाने जाने के साथ ही अस्पताल आए सभी लोगों को आयोडिन की उपयोगिता व इसकी कमी से होने वाले बीमारियों के सम्बंध में जानकारी दी जा रही है।

लोगों में आयोडिन का सेवन जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा कि मनुष्य के शरीर में आयोडिन की बहुत ज्यादा उपयोगिता है। आयोडिन के नहीं होने से मनुष्य के शरीर में आवश्यक हार्मोन्स के उत्पादन में समस्या होती है और लोग इससे बहुत सी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। 21 से 28 अक्टूबर तक पूरे विश्व में आयोडिन अल्पता बचाव सप्ताह के रूप में मनाया जाता है जिसके माध्यम से लोगों को इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी जाती है। सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने बताया कि लोगों के पोषण में आयोडिन की उपयोगिता के सम्बंध में स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा भी लोगों को नियमित जानकारी दी जाती है।

आयोडिन की कमी है कमजोर मस्तिष्क व घेघा रोग जैसी बीमारियों का कारण :
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि आयोडिन की कमी से लोग बहुत से बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से लोग घेघा रोग से ग्रसित हो जाते हैं जिसमें उसके गले के नीचे अवटु ग्रंथी में सूजन हो जाती है। आयोडिन की कमी से लोगों के मष्तिष्क की अवस्था क्षीण पड़ जाती है । वहीं गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से गर्भपात की समस्या होती है। इसके अलावा लोग आयोडिन की कमी से बहरापन, बौनापन आदि से भी ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए लोगों को पर्याप्त मात्रा में आयोडिन युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

ताजे पदार्थों का सेवन आवश्यक :
गैर संचारी रोग के जिला वित्तीय सहायक केशव कुमार ने कहा कि आयोडिन की कमी दूर करने के लिए लोगों को ताजे खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा सलाद रूपी खाद्य पदार्थ जैसे मूली, गाजर, टमाटर, शतावर,पालक, आलू, केला, दूध आदि इसके मुक्त स्रोत हैं। दैनिक खाद्य पदार्थों में उपयोग हो रहे नमक का भी आयोडिन युक्त होना लोगों के लिए आवश्यक है। लोग इन चीजों का इस्तेमाल कर आयोडिन की अल्पता से सुरक्षित रह सकते हैं।

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