कन्नौज:परिवार की खुशहाली के लिए परिवार नियोजन साधन अपनाना जरूरी

परिवार की खुशहाली के लिए परिवार नियोजन साधन अपनाना जरूरी

✍️ जिला ब्यूरो रिपोर्ट
कन्नौज। जनसंख्या नियंत्रण व परिवार नियोजन के लिए सरकार द्वारा बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। भय और गलतफहमियों के कारण लोग परिवार नियोजन के स्थाई साधनों को न अपनाने से कतराते हैं। हर परिवार खुशहाल बनें इसके लिए परिवार नियोजन के साधनों को अपनाना जरूरी हैं। यह कहना हैं ग्राम बरेवा की आशा कार्यकर्ता रमा का। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तिर्वा के उपकेन्द्र भुन्ना के ग्राम बरेवा में 36 वर्षीय रमा एक ऐसी आशा कार्यकर्ता हैं । जो अपनी जिम्मेदारियां बखूबी समझती हैं और पूरी मेहनत व लगन के साथ उनका निर्वहन भी करती हैं। वह महिलाओं को समझाने में कामयाब और आठ महिलाओं की नंसबदी कराई।
रमा बताती हैं कि लोगों की सेवा की जिम्मेदारी मुझे 2016 में मिली तब से अब तक मुझे जो भी कार्य दिया गया मैंने पूरी जिम्मेदारी व लगन के साथ उसे निभाया। इस काम में मेरा परिवार भी पूरा सहयोग देता हैं। वह कहती हैं कि नंसबदी के बारे में लोगों से बात करना मुश्किल काम होता हैं। लेकिन मैं लोगों को सामाजिक जिम्मेदारियों का एहसास कराने के लिए बेझिझक घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं व परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थायी साधनों व उनसें होने वाले लाभों के बारे में जानकारी देती रहती हूं। रमा कहती हैं कि इस समय पर परिवार नियोयन के सभी साधन उपलब्ध हैं । लोगों को परिवार की खुशहाली के लिए इन साधनों को अपनाना चाहिए। नंसबदी कराने में भी किसी तरह.की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।यह परिवार नियोजन का सबसे सुरक्षित तरीका हैं। सामुदायिक केन्द्र तिर्वा के चिकित्साधीक्षक डा.राजन शर्मा बताते हैं कि आशा कार्यकर्ता रमा अपना काम पूरे लगन के साथ करती हैं। समाज में लोगों को परिवार नियोजन स्थाई व अस्थाई साधनों के बारे में बताती हैं। उन्होंने केंद्र पर आठ महिलाओं की नंसबदी कराकर एक मिसाल कायम की हैं।यह जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत हैं कि जिले में नंसबदी की संख्या बढ़ी हैं।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. डी पी आर्या ने बताया कि 1 अप्रैल 2021 से जनवरी 22 तक जनपद में लगभग 600 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा ली | 7 पुरुष नसबंदी, 7,508 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 6,542 महिलाओं ने आईयूसीडी, 2,993 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा को अपनाया है |
एसीएमओ ने बताया कि जनपद मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आता है इसलिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये की राशि दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशाओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पीपीआईयूसीडी लगवाने वाली महिला को 300 रूपए और सेवा प्रदाता को 150 रूपए की धनराशि दी जाती है | अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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