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जल का बुद्धिमानी और कुशलतापूर्वक उपयोग करना जरूरीः डॉ. वीरेन्द्र पाल

जल का बुद्धिमानी और कुशलतापूर्वक उपयोग करना जरूरीः डॉ. वीरेन्द्र पाल।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

राष्ट्रीय सेवा योजना के साप्ताहिक शिविर का हुआ समापन।

कुरुक्षेत्र, 26 मार्च : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना के 7 दिवसीय विशेष शिविर का भव्य समापन समारोह मिर्जापुर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र पाल ने स्वयंसेवकों के समन्वय और सहयोग की सराहना की और कैंसर जागरूकता, जल संरक्षण और रासायनिक उर्वरकों के अति प्रयोग पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का अर्थ है जल का बुद्धिमानी से और कुशलतापूर्वक उपयोग करना ताकि उसका दुरुपयोग और बर्बादी को रोका जा सके, जिससे भविष्य में जल की कमी से बचा जा सके।
समापन दिवस की शुरुआत योग सत्र से हुई, जिसमें स्वयंसेवकों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व से अवगत कराया गया। विद्यार्थियों ने नृत्य, काव्य पाठ और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यौन उत्पीडन, कैंसर जागरुकता और पर्यावरण संरक्षण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संदेश दिया।
एनएसएस समन्वयक डॉ. आनंद कुमार ने स्वयंसेवकों को एनएसएस पुस्तकालय जैसी पहल के माध्यम से संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया। प्राचार्या प्रो. रीटा ने सभी स्वयंसेवकों की मेहनत की सराहना की और उन्हें समाजसेवा की प्रेरणा दी, जबकि डॉ. नीरज बातिश ने सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रो. अनुपमा चौहान, प्रो. रीटा, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. संदीप, डॉ. वीर विकास, डॉ. ज्योति चौहान, डॉ. कविता मौजूद थे।

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