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सदगुरु की कृपा के बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं : भागवताचार्य मानस मणि महाराज।
सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
संवाददाता – अनिल तिवारी, दूरभाष – 9416191877
वृन्दावन : परिक्रमा मार्ग-बैकुंठ नगर क्षेत्र स्थित श्रीदेवराहा बाबा योग निकेतन में संत प्रवर स्वामी रामकेवल दास महाराज की सद्प्रेरणा के पावन सानिध्य में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव में प्रख्यात भागवताचार्य पण्डित मानस मणि महाराज अपनी सुमधुर वाणी में भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
उन्होंने कहा कि ने कहा कि बाल भक्त ध्रुव ने अपनी माता के वचनों को मानकर नारायण की प्राप्ति के लिए सदगुरु के रूप में स्वयं देवर्षि नारद मुनि का आश्रय लिया।उन्हीं की कृपा और गुरुमंत्र के फलस्वरूप बाल भक्त ध्रुव को 5 वर्ष की आयु में भगवान नारायण की प्राप्ति हुई।
इस अवसर पर श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज, गौरी गोपाल आश्रम के अध्यक्ष एवं विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य महाराज, महंत स्वामी शिवदत्त प्रपन्नाचार्य महाराज, ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, मुख्य यजमान श्रीमती नीतू मिश्रा, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।