महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ : आचार्य पंडित राजेश वत्स।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का सुनाया प्रसंग।
कुरुक्षेत्र, 12 अक्तूबर : सिद्ध पीठ माहेश्वरी बगलामुखी मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण- रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक आचार्य पंडित राजेश वत्स ने रास पांच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।
पंडित राजेश वत्स ने कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान आचार्य ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते हैं। कथा में मुख्य यजमान के रूप में रमेश शास्त्री, दीदार, लक्ष्मण सिंह, पृथ्वी सिंह, माया देवी, धर्मपाल सिंह, सुनीता देवी, चंचल छाबड़ा, सुभाष बिंदल पत्नी कविता देवी, सनी चौहान, सावी देवी, उर्मिला देवी, पवन कुमार, अनु अरोड़ा, माया देवी, रोहित, आशु, शिवकुमार, सुनीता देवी, मांगेराम शर्मा, ओम्पति देवी, सीमा सहगल, मोना सिंह, राजकुमार शर्मा, रेनू, राहुल बंसल, पूनम बंसल, पुष्पेंद्र शास्त्री दीदार नगर, नरेश शास्त्री पिपली, कृष्णा शास्त्री, राजन मित्तल, किरण रानी, बलवंत सिंह, कुसुम लता, मोती गर्ग, निर्मला देवी, अमित, अशोक शर्मा पहलवान, बहन सरिता देवी, दीपक शर्मा, मनीषा देवी यमुनानगर, संयम वितान, महेंद्र, सुभाष वर्मा, शशि वर्मा, चंद्रभान, इंदु रानी, राजेंद्र शर्मा, शीला नगर, सपड़ा कॉलोनी, विष्णु कॉलोनी आदि ने भाग लिया।
कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य पंडित राजेश वत्स जी व उपस्थित श्रद्धालु।