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कलाकार बनने के लिए जिद एवं जुनून आवश्यक : गुरदीप।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत् कुवि के ललित कला विभाग एवं कला उदय सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में ‘समकालीन फोटोग्राफी में नवीन प्रवृत्तियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय फोटोग्राफी कार्यशाला का शुभारम्भ।
कुरुक्षेत्र, 9 अक्टूबर – कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि फोटोग्राफी में तकनीकी कौशल का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास को शिक्षा का उद्देश्य बताया गया है। वे शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत् कुवि के ललित कला विभाग एवं कला उदय सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में ‘समकालीन फोटोग्राफी में नवीन प्रवृत्तियां’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय फोटोग्राफी कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि कॅरियर की दृष्टि से फोटोग्राफी अच्छा क्षेत्र है लेकिन फोटोग्राफी के लिए तकनीकी कौशल का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि केवल कैमरा होने से आप अच्छा नहीं बन सकते, इसके लिए कौशल की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिजीटल एसएलआर, हाइब्रिड डीएसएलआर, 360 डिग्री कैमरा ने फोटोग्राफी को सरल बना दिया है। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन गुरदीप धीमान द्वारा खिचीं गई छायाचित्रों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कला में सौम्यता एवं सकारात्मकता की झलक दिखाई देती है। उन्होंने दो दिवसीय राष्ट्रीय फोटोग्राफी कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कार्यशाला के आयोजकों, प्रबुद्धजनों, प्रतिभागियों एवं शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि यह कार्यशाला अपने उद्देश्य में अवश्य सफल होगी। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित बतौर रिसोर्स पर्सन विजुअल फोटोग्राफी में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गुरदीप धीमान ने कहा कि कलाकार बनने के लिए जिद एवं जुनून आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम के द्वारा ही उच्च मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं कुवि के ललित कला विभाग का पूर्व छात्र रहा हूं। उन्होंने ललित कला विभाग को इस आयोजन के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि इस सफल कार्यशाला में प्रतिभागी सीखकर अवश्य जाएंगे। उन्होंने कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा को मंच से आश्वस्त किया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र होने के नाते मैं ललित कला विभाग के 5 विद्यार्थियो के लिए रेजिडेंसी प्रोग्राम व उन छात्रों के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। साथ ही आने वाले ललित कला विभाग के विद्यार्थियों को बडे़ कलाकारों से सीखने का मौका दिया जाएगा।
कुवि के ललित कला विभागाध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित मुख्यातिथि एवं रिसोर्स पर्सन सहित सभी गणमान्य एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया और विभाग की उपलब्धियों के बारे में बताया। कार्यशाला में मंच का संचालन डॉ. आनन्द जायसवाल ने किया। कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. गुरचरण ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के सौन्दर्यकरण व आत्मनिर्भर बनने में विभाग अहम् भूमिका निभाएगा। कला उदय सोसायटी के रणदीप कुमार ने कहा कि कला उदय सोसायटी पिछले कईं वर्षों से भारत वर्ष में कला के क्षेत्र में नवयुवकों को कौशल विकास के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इस मौके पर कला उदय सोसायटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह, प्रो. रामविरंजन, प्रो. डीएस राणा, डॉ. परमेश कुमार, डॉ. राकेश बानी, डॉ. मोनिका गुप्ता, डॉ. आरके सिंह, डॉ. जया दरोंडे, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. विवेक गौड़, डॉ. अजय जांगड़ा, वरिष्ठ पत्रकार सौरभ चौधरी सहित प्रतिभागी एवं शोधार्थी मौजूद रहे।