मानव कल्याण के लिए वेदों का अध्ययन करना बहुत आवश्यक है: ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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लोग वेदों की ओर लौटें तभी देश का भविष्य खुशहाल होगा : ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी।
आज से जयराम विद्यापीठ में देश के महान वेद ज्ञाताओं का होगा कुम्भ।

कुरुक्षेत्र, 24 अक्तूबर : तीर्थों की संगम स्थली कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित जयराम विद्यापीठ में 25 अक्तूबर से 27 अक्तूबर तक देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और राज्यों से संस्कृत एवं वेदों के महान विद्वानों का कुम्भ होगा। इस अवसर पर चारों वेदों के प्रकांड विद्वानों द्वारा गहन मंथन किया जाएगा। उत्तरांचल संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने बताया कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन में पूरे देश के विभिन्न राज्यों से चारों वेदों के सौ से अधिक महान विद्वान भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन एवं श्री जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में यह राष्ट्रीय स्तरीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में यह दुर्लभ अवसर होगा जब वेदों के महान ज्ञाताओं द्वारा चार वेदों का मंगलाचरण करते हुए राष्ट्रीय स्तरीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन का शुभारम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गीता की जन्मस्थली धर्मनगरी में वैसे तो हर क्षण मनोच्चरण होता रहता है लेकिन यह अवसर अपने आप में अद्भुत होगा। ब्रह्मचारी ने बताया कि वैदिक सम्मेलन में वेदों की व्याख्या करने के लिए महान विद्वान सोमवार को विद्यापीठ में पहुंचेंगे। ब्रह्मचारी ने कहा कि मानव कल्याण के लिए वेदों का अध्ययन करना अत्यंत आवश्यक होता है। वेद से ज्ञान, वेद से व्याकरण, वेद से भूगोल, वेद से ही ज्योतिष है। वेद ज्ञान का रूप है, मनुष्य को सांसारिक यात्रा करने के लिए वेदों का ज्ञान होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में लोग वेदों की ओर लौटें तभी देश का भविष्य खुशहाल होगा। कुरुक्षेत्र तो वैसे भी ऋषि-मुनियों की तपस्थली है। इसी धरती पर देश के सौ वैदिक विद्वानों द्वारा ज्ञान दिया जाएगा। ब्रह्मचारी ने कहा कि सम्मेलन में महान विद्वान वेदों पर प्रवचन करेंगे। साथ ही वेद को पढ़ने की परंपरा को भी सिखाएंगे। वेद की व्याख्या भी करेंगे। जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि इस राष्ट्रीय वैदिक सम्मेलन उद्घाटन सत्र में 25 अक्तूबर को महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के उपाध्यक्ष प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्र मुख्यातिथि होंगे जबकि उत्तरांचल संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी अध्यक्षता करेंगे। इसी उद्घाटन सत्र में लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति डा. रमेश कुमार पांडेय विशिष्ट अतिथि होंगे। महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सचिव प्रो. विरूपाक्ष वी. जड्डीपाल् व हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डा. दिनेश शास्त्री सारस्वतातिथि होंगे। सिंगला ने बताया कि इस सत्र के संयोजक लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. शिव शंकर मिश्र होंगे जबकि श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज धन्यवाद ज्ञापक होंगे। द्वितीय सत्र में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी सत्राध्यक्ष होंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो. राजेश्वर मिश्र मुख्य वक्ता होंगे। इस सत्र में प्रो. रामानुज उपाध्याय, प्रो. सुंदर नारायण झा, डा. अखिलेश कुमार मिश्र, डा. अशोक कुमार मिश्र व डा. हनुमान मिश्र विशेष वक्ता होंगे। जबकि डा. अरुण कुमार मिश्र सत्र संयोजक होंगे। सिंगला ने बताया कि दूसरे दिन 26 अक्तूबर को प्रथम सत्र में सुबह वेद शाखा प्राणायाम होगा। इस दिन दूसरे सत्र में लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. राम सलाही द्विवेदी सत्राध्यक्ष होंगे व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो. सुरेंद्र मोहन मिश्र मुख्य वक्ता होंगे। इस सत्र में प्रो. रामराज उपाध्याय, प्रो. गोपाल प्रसाद शर्मा, प्रो. देवेंद्र प्रसाद मिश्र, डा. मदन मोहन तिवारी व डा. अरुण कुमार मिश्र विशेष वक्ता होंगे। जबकि डा. अशोक कुमार मिश्र सत्र संयोजक होंगे। सिंगला ने बताया कि 27 अक्तूबर को राष्ट्रीय स्तरीय वैदिक सम्मेलन के समापन सत्र में जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी अध्यक्षता करेंगे व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा मुख्यातिथि होंगे। इस सत्र में लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति डा. रमेश कुमार पांडेय विशिष्ट अतिथि होंगे। लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. शिव शंकर मिश्र संयोजक होंगे। समापन सत्र में श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज धन्यवाद ज्ञापक होंगे। सिंगला ने बताया कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन में पूरे देश के विभिन्न राज्यों से चारों वेदों के सौ से अधिक महान विद्वान भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन एवं श्री जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में यह राष्ट्रीय स्तरीय वैदिक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। वैदिक सम्मेलन में विद्यापीठ में देशभर से आने वाले वेदों के महान विद्वानों के लिए ठहरने व भोजन इत्यादि की भी विशेष व्यवस्था की गई है।
जयराम में राष्ट्रीय स्तरीय क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन की तैयारी।

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