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वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है आश्रम।
बुजुर्गो की सेवा ही होता है मन प्रसन्न : सिंगला।
जैन साध्वी डा. शिव प्रज्ञा ने बुजुर्गों को जीवन का महत्व बताया।
कुरुक्षेत्र, 5 मार्च : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में प्रेरणा वृद्धाश्रम देश के विभिन्न राज्यों के अपनों द्वारा नकारे एवं घरों से निकाले बुजुर्गों की शरण स्थली एवं सेवा केंद्र के साथ अध्यात्म का केंद्र भी बना हुआ है। नियमित रूप से संत महापुरुष यहां पहुंचकर बुजुर्गों से विचार सांझा करते हैं एवं प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हैं। मंगलवार को वृद्धाश्रम में जैन साध्वी डा. शिव प्रज्ञा, खुशी महाराज एवं वैरागन विधि जैन बुजुर्गों से मिलने के लिए पहुंची। उनके प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंचने पर संस्थापक डा. जय भगवान सिंगला, सभी बुजुर्गों एवं प्रेरणा सदस्यों ने श्रद्धा भाव के साथ स्वागत किया। जैन साध्वी डा. शिव प्रज्ञा ने सभी बुजुर्गों को बुलाकर अपने पास बिठाया और उन्हें समझाया कि यह जीवन अमूल्य है। इसे इधर-उधर की बातों में न गवा कर प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। जीवन में संयम को अपनाना अति आवश्यक है। बिना कर्म के व्यक्ति कोई उपलब्धि नहीं हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए। इससे हमारी पाचन शक्ति मजबूत बनी रहती है और प्रभु भक्ति में भी ध्यान लगता है। इस अवसर पर डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि जैन साध्वी डा. शिव प्रज्ञा एवं अन्य संतों के आने से प्रेरणा के सभी सदस्यों और सभी बुजुर्गों को अध्यात्म ज्ञान के साथ प्रसन्नता मिलती है। इस अवसर पर संजीव जिंदल, नरेश बंसल, संजीव सिंगला, गुड्डू मिश्रा, रामलाल सिंगला, बलविंदर कौर, उषा सच्चर, क्षमा मल्होत्रा, मलकीत कौर, सीता देवी, शकुंतला देवी, मधु शर्मा, जोगिंदर सिंह, चंद्रकांत ठक्कर, इंद्रप्रीत सिंह बिंद्रा, कश्मीरी लाल जैन, विजय कुमार अग्रवाल, बी.श्रीवास्तव, सुशील कुमार गर्ग इत्यादि भी मौजूद रहे।
प्रेरणा वृद्धाश्रम में जैन साध्वी।