प्रशासन ने नहीं दी बड़ी पूजा की शोभायात्रा की अनुमति
🏵️ कहा, परंपरा न टूटे इसके लिए संक्षिप्त में अनुष्ठान की औपचारिकताएं पूरी कर लें
कोंच। कोविड को देखते हुए अबकी दफा हर तीन साल में लगने वाली बड़ी पूजा को संक्षिप्त औपचारिकताओं में निपटाना होगा। प्रशासन ने शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी है, कहा कि परंपरागत रूप से होने वाली पूजा पर कोई रोक नहीं है लेकिन शोभायात्रा किसी भी सूरत में नहीं निकलेगी। अपने स्थान पर ही पूजा के अनुष्ठान संक्षिप्त में पूरे कर लें। आयोजन समिति भी इस बात से सहमत हो गई है। सौ साल में यह पहला अवसर होगा जब बड़ी पूजा की भव्य और विशाल शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी।
एसडीएम अंकुर कौशिक की अध्यक्षता और सीओ राहुल पांडे की मौजूदगी में बड़ी पूजा को लेकर अहम् बैठक कोतवाली में पूजा आयोजन कमेटी के लोगों के साथ संपन्न हुई। अधिकारियों ने कमेटी को कोविड का हवाला देते हुए साफ कर दिया कि शोभायात्रा किसी भी सूरत में नहीं निकाली जाएगी, पूजा की जरूरी अनुष्ठानिक औपचारिकताएं अपने स्थान पर ही करें। कमेटी ने भी कोविड को देखते हुए इस पर हामी भर दी है। इस दौरान कोतवाल बलिराज शाही, एसएसआई राजेश सिंह, दरोगा आरके सिंह, संजीव कटियार, मदनपाल, जितेंद्र सिंह, आयोजन समिति के अध्यक्ष श्यामदास याज्ञिक, नरेश वर्मा आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि नगर व क्षेत्र को अकाल, भुखमरी, महामारी, दुर्भिक्ष जैसी दैवीय आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए करीब शताब्दी भर पूर्व शुरू हुई मां हुल्का देवी की त्रिवर्षीय बड़ी पूजा इस बार 18 सितंबर को आयोजित की जा रही है। परंपरागत रूप से बिना नागा आयोजित होने बाली इस बड़ी पूजा को लेकर जारी तैयारियों में लगभग दो दर्जन उप समितियां बना कर जिम्मेदारियां बांट दी गई हैं। मालवीय नगर बजरिया में लाला हरदौल मंदिर से मां हुल्कादेवी की शोभायात्रा मुख्य मार्ग पर भ्रमण करती हुई करीब चार किमी लंबा सफर तय कर देर शाम उरई रोड पर स्थित मां हुल्का देवी मंदिर पहुंचती है जहां आवश्यक पूजा अनुष्ठान संपन्न होते हैं।