इप्टा की बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला का आठवां दिन
रिपोर्ट _आर.के.पाटकार
कोंच(जालौन) भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की निःशुल्क ग्रीष्मकालीन बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला के आठवें दिन वर्चुअल माध्यम से लोक कला ,किन्नर विमर्श विशेषज्ञ एवं दूरदर्शन इत्यादि के सीरियलों में अभिनय कर चुकी अभिनेत्री गीतिका वेदिका ने कार्यशाला को सम्बोधित किया।
उन्होंने रंगकर्मियों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए कहा कि सिनेमा पैसा कमाने का माध्यम हो सकता पर अभिनेता को वास्तविक सन्तुष्टि थिएटर से ही मिलती है। रंगकर्म जनसंवाद का भी सशक्त माध्यम है और रंगकर्मी सिनेमा और जनता के बीच सेतु बांधने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि रंगकर्म में समस्त कलाओं का समावेश होता है। एक श्रेष्ठ कलाकार को न केवल अभिनय बल्कि गायन, वादन, मंच सज्जा,कोरियोग्राफी आदि की भी आधारभूत जानकारी होनी चाहिये।
कार्यशाला को चित्रकला और साहित्य की कला में धनी संजीव स्वर्णकार सरस् ने भी सम्बोधित करते हुए अपनी पंक्तियों में वर्तमान स्थिति का चित्रण करते हुए कहा कि काम कुछ तो ऐसे निश्चित कर रहा है आदमी । बेवजह दुनिया में जिस मर रहा है आदमी।। बंद है बाजार सारे और गलियां बंद हैं ,अपने द्वारे खोने से डर रहा है आदमी, कोरोना आया मगर इसमें कुछ अच्छा मिला,कब बताओ इतना अपने घर रहा है आदमी।
इप्टा के प्रांतीय सचिव/इप्टा कोंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मुहम्मद नईम ने कहा कि अभिनय/रंगकर्म हर व्यक्ति के अंदर छुपा होता है बस जरूरत होती है उसे पहचानने की, एक सही दिशा और दशा देने की, यदि प्रयास पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया गया हो तो वह जरूर सफल होता।
इप्टा कोंच के सरंक्षक अनिल कुमार वैद ने कहा कि इप्टा कोंच का सदैव यह प्रयास रहता है और रहेगा कि हर सम्भव आपके प्रयास को एक साकार रूप देने की कोशिश की जाए।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य निर्मला, प्रदीप, अनूप कुमार, अफसर खान,अक्षय सिंह,अंकित राय,अंशिका त्यागी, साक्षी रायकवार,अनुराग कुशवाहा, अश्वित रतन,लोकेंद्र कुशवाहा, राज शर्मा, निखिल मोदी,पूजा जयसवाल, सखी,साहना खान, संजय कुशवाहा, शैलेंद्र सिंह, सूरज कुमार आदि ने प्रतिभाग किया । तकनीकी दायित्वों का निर्वाहन एवं संचालन इप्टा सचिव पारसमणि अग्रवाल ने किया आभार व्यक्त सह सचिव ट्विंकल राठौर ने किया।
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