रामा झूलन पधारो घिर आए बदरा, करो सोलह श्रृंगार’ झूला गीतों पर झूमे श्रोता, शास्त्रीय बिधा में हुईं
रामा झूलन पधारो घिर आए बदरा, करो सोलह श्रृंगार’ झूला गीतों पर झूमे श्रोता, शास्त्रीय बिधा में हुईं
रामा झूलन पधारो घिर आए बदरा, करो सोलह श्रृंगार’
झूला गीतों पर झूमे श्रोता, शास्त्रीय बिधा में हुईं प्रस्तुतियां
कोंच जालौन प्राचीन रामलला मंदिर में जारी झूला उत्सव के दौरान स्थानीय संगीत मर्मज्ञों ने झूला गीतों से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। शास्त्रीय बिधा के जानकारों ने भी अपनी भावप्रवण प्रस्तुतियों से झूले में विराजमान रामलला सरकार को रिझाने मनाने का जतन किया।
रानी झांसी वीरांगना लक्ष्मीबाई के गुरुद्वारे प्राचीन रामलला मंदिर में स्थापित परंपरानुसार पखवाड़े भर चलने बाला झूला महोत्सव जारी है। मंदिर के एकादश गद्दीधर महंत रघुनाथ दास के सानिध्य में दूसरे दिन के झूले में स्थानीय संगीतकारों द्वारा गाए गए झूला गीतों का रसपान कर भक्त श्रोता झूम उठे। वीरेंद्र त्रिपाठी, शिवशंकर त्रिपाठी, सृष्टि वर्मा, गोविंद दास, ग्यासीलाल याज्ञिक, गोपाल शर्मा आदि ने अपनी भावप्रवण प्रस्तुतियां देकर संगीत पर अपनी उम्दा पकड़ का बढिया प्रदर्शन किया। ‘रामा झूलन पधारो घिर आए बदरा, करो सोलह श्रृंगार’ और ‘आज तौ अवध सैंया झमक झुलाउंगी’ जैसे झूला गीतों पर श्रोताओं ने खूब तालियां पीटीं। संचालन रामकृष्ण परिहार ने किया। अंत में पुजारी गोविंद दास ने रामलला सरकार की आरती उतारी।”