पूर्वांचल ब्यूरो
करंजाकला ब्लाक के भकुरा गांव के ग्राम पंचायत सचिव रवीश कुमार मौर्य को चार लाख 92 हजार रुपये के गबन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ अनुपम शुक्ल ने मामले की जांच डीडीओ बीबी सिंह को सौंपा था।
जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर डीपीआरओ संतोष कुमार ने आरोपित सचिव को निलंबित कर दिया है।
जांच अधिकारी जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह ने अपने दिए गए रिपोर्ट में बताया है कि स्थलीय निरीक्षण से पता चला कि गांव में बिना कार्य कराए ही दो लाख दस हजार 359 रुपये निकालने और एक ही कार्य को दो बार दिखाकर दो लाख 70 हजार रुपये निकाले गए। इतना ही नहीं दूसरे गांव के निवासियों को भकुरा का दिखाकर मनरेगा मजूदरी का तकरीबन 11 हजार रुपये का भुगतान करा दिया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास के नाम 20-20 हजार रुपये की वसूली किया जाना पाया गया, जबकि राशन कार्ड बनवाने की एवज में पांच से छह सौ रुपये तक की वसूली किया गया मिला।
विधवा व दिव्यांग पेंशन पात्रों को दिलाने के नाम पर सुविधा शुल्क लिया जाना पाया गया। जब जांच अधिकारी ने सचिव से भुगतान को लेकर बिल व बाउचर मांगा गया तो वह प्रस्तुत नहीं कर सके। वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर होने के बाद डीपीआरओ ने सचिव को निलंबित कर दिया। जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि 4.92 के गबन की शिकायत जांच में सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित सचिव को निलंबित कर दिया गया है।