श्री जयराम विद्यापीठ में हुई ज्येष्ठ बड़े मंगलवार की पूजा व सुंदरकांड का पाठ

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

विद्यापीठ में निर्जला एकादशी पर दूसरे दिन भी लगी शरबत की छबील व भंडारा।

कुरुक्षेत्र, 18 जून : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ज्येष्ठ महीने में पड़े सभी बड़े मंगलवार के दिन सर्वकल्याण की भावना से विशेष पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान किए गए। श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि 18 जून को ज्येष्ठ महीने का अंतिम बड़ा मंगलवार होने के कारण भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। अंतिम बड़े मंगलवार की पूजा यजमान बबिता शर्मा तथा उनके परिवार के सदस्यों ने सम्पन्न करवाई। प. पंकज पुजारी ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ मंगल पूजन उपरांत संगीतमय सुंदर कांड पाठ किया। जिसमें श्रद्धालु मस्ती से झूमते नजर आए। डा. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि हिंदू धर्म में भगवान श्री राम भक्त श्री हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। यह मंगलवार ज्येष्ठ माह में हो, तो इसकी महत्ता अधिक बढ़ जाती है। ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान राम और हनुमान जी की पहली बार मुलाकात हुई थी। तभी से इस महीने में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन वीर बजरंगी की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होने लगता है। इसी के साथ निर्जला एकादशी के अवसर पर दूसरे दिन भी विशाल शरबत की छबील लगाई गई जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शरबत एवं भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
विद्यापीठ में पूजन करते हुए एवं छबील में शरबत ग्रहण करते हुए श्रद्धालु।

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