रासायनिक खेती से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने में किसान निभा सकते है अहम भूमिका : कांबोज

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुलपति प्रोफेसर बी. आर कांबोज ने किया किसान मेले का शुभारंभ।
प्राकृतिक खेती अपनाने की दी सलाह, किसान मेले में किसानों के स्टालों पर नजर आए प्राकृतिक खेती के उत्पाद, किसान मेले में लिया 500 किसानों ने भाग।

कुरुक्षेत्र 10 मार्च : हिसार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी आर कांबोज ने कहा कि रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों को रोकना होगा। इसके लिए किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा और किसानों को फसल विविधीकरण पर भी अपना फोकस रखना होगा। इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद किसान अपनी आय में इजाफा करने के साथ साथ मनुष्य के जीवन को स्वस्थ बनाने में अपना योगदान दे सकते है।
कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र सेक्टर 13 में आयोजित प्राकृतिक खेती विषय पर किसान मेले में बोल रहे थे। इससे पहले कुलपति प्रोफेसर बीआर कांबोज, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ समन्वयक डॉ. नसीब सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित करके किसान मेले का उद्घाटन किया और किसान मेले में किसानों द्वारा लगाए गए उत्पादों का अवलोकन भी किया। प्रगतिशील किसान हरबीर तूर तथा धरमपाल मेहरा ने भी मुख्य अतिथि को पगड़ी पहनाकर उनका अभिनंदन किया। अहम पहलू यह है कि किसान मेले में 500 किसानों ने शिरकत की है। कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने प्राकृतिक खेती के विषय पर बोलते हुए कहा कि किसान जीवामृत, घनजीवामृत एवं प्राकृतिक खेती के अन्य घटकों का उपयोग करके मिट्टी की ताकत को बढ़ा सकते हैं और रासायनिक खेती से होने वाले मिट्टी के स्वास्थ्य के नुकसान के साथ साथ मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव को भी रोक सकते हैं।
उन्होंने बताया कि किसान फसल विविधीकरण तथा एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ बलवान सिंह मंडल ने बताया कि किस प्रकार शुरुआती समय में प्राकृतिक कृषि में कम उपज किसान को मिलती हैं लेकिन किसान भाई प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग लेकर अगर अच्छे तरीके से वैज्ञानिक ढंग के साथ खेती करते हैं तो इस समस्या से भी निजात पाया जा सकता हैं। वरिष्ठ समन्वयक डॉ. नसीब सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले में किये जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन सस्य विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. सरिता रानी ने किया। उन्होंने किसानों को जिले में प्राकृतिक खेती की स्थिति के बारे में व्याख्या करते हुए इसे आने वाले समय की माँग बताते हुए किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र कुरुक्षेत्र से रिटायर्ड प्रोफेसर एवं पद्म विजेता डॉ. हरिओम ने प्राकृतिक खेती के महत्व एवं भविष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले के अनुसूचित जाति के किसानों को फलों वाले पौधे भी बाँटे। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. फतेह सिंह (पादप रोग विज्ञान) डॉ. मनोज कुमार (कृषि वानिकी), डॉ. ललिता रानी (गृहविज्ञान), डॉ. सरिता रानी (सस्य विज्ञान) और डॉ. कविता (मृदा विज्ञान) ने अपने अपने विषयों से संबंधित नवीनतम जानकारी किसानों को दी। कार्यक्रम में जिले के किसानों ने अपने स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद भी मुख्य अतिथि को दिखाये। मेले में सिरसा के प्रगतिशील किसान मुकेश कम्बोज भी उपस्थित थे। डॉ नसीब सिंह ने किसान मेले में पधारने पर उपस्थित सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों तथा किसानों का धन्यवाद किया।

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